यामीन विकट, ठाकुरद्वारा। एक विवाहिता के साथ ससुराल वालों की क्रूरता की हदें पार हो गईं। पांच लाख रुपये और कार की मांग पूरी न होने पर उसे न केवल प्रताड़ित किया गया, बल्कि उसके देवर ने बलात्कार कर उसे घर से निकाल दिया। पीड़िता की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने पति समेत सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह घटना समाज में दहेज की बुराई और महिलाओं के खिलाफ हिंसा को फिर से उजागर करती है।
शादी के बाद शुरू हुआ दहेज का दबाव
नगर के मोहल्ला जमना वाला की एक युवती की शादी 30 जून 2024 को उत्तराखंड के काशीपुर, मोहल्ला अल्ली खान काली बस्ती निवासी मोबीन पुत्र शौकीन के साथ हुई थी। पीड़िता का कहना है कि उसके मायके वालों ने शादी में दहेज के रूप में काफी सामान दिया था। लेकिन शादी के तुरंत बाद ससुराल वालों ने उससे पांच लाख रुपये नकद और एक कार की मांग शुरू कर दी। इसमें पति मोबीन, सास फातिमा, देवर मोहसिन, ननद अर्शी, इरम, सबीना और ननदोई शाकिर, पुत्र कलुआ, शामिल थे। पीड़िता का आरोप है कि ये लोग उसे भूखा-प्यासा रखकर शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करते थे।
मायके वालों ने दी एक लाख रुपये की मदद, फिर भी नहीं रुकी क्रूरता
विवाहिता के मायके वालों ने ससुराल वालों को समझाने की कोशिश की और पति को एक लाख रुपये भी दे दिए। लेकिन इसके बावजूद ससुराल वालों के व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आया। पीड़िता का कहना है कि ससुराल वालों की मांगें और प्रताड़ना दिन-ब-दिन बढ़ती गई। हालात तब और बिगड़ गए जब 6 अगस्त 2025 को ससुराल वाले उसके कमरे में घुस आए। उन्होंने कहा कि वह उनकी मांगें आसानी से नहीं मानेगी, इसलिए उसे “बेइज्जत” करना होगा। इसके बाद उसके देवर ने कमरा बंद कर उसके साथ जबरन बलात्कार किया और उसी रात उसे घर से निकाल दिया। बेघर और अपमानित होकर वह अपने मायके लौट आई।
मायके में भी नहीं छोड़ा, दी तीन तलाक की धमकी
घटना यहीं खत्म नहीं हुई। अगले दिन, 7 अगस्त 2025 को ससुराल वाले पीड़िता के मायके पहुंच गए और फिर से अपनी मांगें दोहराने लगे। जब मायके वालों ने उन्हें समझाने की कोशिश की, तो ससुराल वालों ने गाली-गलौज शुरू कर दी और मारपीट पर उतर आए। इस दौरान पीड़िता के पति ने उसे तीन तलाक दे दिया। इस अमानवीय व्यवहार से आहत पीड़िता ने कोतवाली में तहरीर दी, जिसके आधार पर पुलिस ने सातों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और जल्द ही कार्रवाई का वादा किया है।
समाज के लिए सवाल
यह घटना न केवल दहेज प्रथा की कड़वी सच्चाई को उजागर करती है, बल्कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा और सामाजिक अन्याय पर भी सवाल उठाती है। आखिर कब तक इस तरह की घटनाएं हमारी समाज व्यवस्था को शर्मसार करती रहेंगी? पुलिस जांच और कानूनी कार्रवाई से क्या पीड़िता को न्याय मिल पाएगा? यह सवाल हर किसी के मन में है।
-सांकेतिक तस्वीर
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