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8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए सैलरी वृद्धि का इंतजार, फिटमेंट फैक्टर पर टिकी नजरें

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केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 8वां वेतन आयोग चर्चा का केंद्र बना हुआ है। हर कर्मचारी की नजर इस बात पर टिकी है कि क्या उनकी सैलरी में अपेक्षित वृद्धि होगी? जनवरी 2025 में सरकार ने इस नए वेतन आयोग को मंजूरी दी थी, जिसके बाद से कर्मचारियों में उत्साह के साथ-साथ अनिश्चितता भी है। फिटमेंट फैक्टर को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन क्या यह वाकई सैलरी में बड़ा बदलाव लाएगा? आइए, इसकी गहराई में उतरकर समझते हैं।

नए वेतन आयोग की शुरुआत

केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग को मंजूरी देकर कर्मचारियों की उम्मीदें जगा दी हैं। सूत्रों के अनुसार, मई 2025 तक इस आयोग के लिए एक अध्यक्ष और दो सदस्यों की नियुक्ति हो सकती है। यह प्रक्रिया तेजी से चल रही है, क्योंकि कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में बदलाव के लिए यह आयोग महत्वपूर्ण है। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह नया आयोग कर्मचारियों की अपेक्षाओं पर खरा उतरेगा?

फिटमेंट फैक्टर क्या है और क्यों है चर्चा में?

फिटमेंट फैक्टर सैलरी संशोधन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह एक गुणांक होता है, जिसके आधार पर बेसिक सैलरी को बढ़ाया जाता है। मौजूदा चर्चाओं के अनुसार, 8वें वेतन आयोग में 2.86 का फिटमेंट फैक्टर लागू हो सकता है। अगर ऐसा होता है, तो न्यूनतम सैलरी 51,480 रुपये और पेंशन 25,740 रुपये तक बढ़ सकती है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि सिर्फ फिटमेंट फैक्टर बढ़ने से सैलरी में बड़ा उछाल नहीं आएगा। इसके लिए कई अन्य कारक, जैसे महंगाई और आर्थिक स्थिति, भी मायने रखते हैं।

फिटमेंट फैक्टर का इतिहास और वास्तविक प्रभाव

पिछले वेतन आयोगों पर नजर डालें तो छठा वेतन आयोग कर्मचारियों के लिए सबसे फायदेमंद रहा। उस समय फिटमेंट फैक्टर 1.86 था, लेकिन कुल सैलरी में 54% की बढ़ोतरी हुई थी। वहीं, सातवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 होने के बावजूद सैलरी में केवल 14.2% की वृद्धि हुई। इससे साफ है कि फिटमेंट फैक्टर का बढ़ना ही सैलरी वृद्धि की गारंटी नहीं है। महंगाई, सरकारी नीतियां और अन्य आर्थिक पहलू भी सैलरी पर असर डालते हैं।

कर्मचारियों की उम्मीदें और चुनौतियां

कर्मचारी लंबे समय से फिटमेंट फैक्टर बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि 2.86 का फिटमेंट फैक्टर लागू होने पर भी सैलरी में अपेक्षित वृद्धि नहीं हो सकती। इसका कारण यह है कि सैलरी बढ़ोतरी कई स्तरों पर निर्भर करती है। उदाहरण के लिए, हर स्तर की सैलरी पर फिटमेंट फैक्टर एकसमान लागू नहीं होता। साथ ही, बढ़ती महंगाई भी सैलरी के वास्तविक मूल्य को प्रभावित करती है।

भविष्य की संभावनाएं

8वां वेतन आयोग कर्मचारियों के लिए नई उम्मीद लेकर आया है, लेकिन यह स्पष्ट है कि सैलरी में बढ़ोतरी के लिए सिर्फ फिटमेंट फैक्टर पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं है। सरकार को महंगाई, कर्मचारियों की जरूरतें और आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखकर नीतियां बनानी होंगी। कर्मचारियों को भी धैर्य रखना होगा, क्योंकि आयोग का गठन और उसका अंतिम प्रभाव सामने आने में समय लगेगा।

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