आजकल साइबर अपराधी नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं। हाल ही में एक ऐसी घटना सामने आई, जिसमें एक व्यक्ति को अनजान नंबर से कॉल आया और कॉलर ने खुद को HDFC बैंक का कर्मचारी बताते हुए दावा किया कि उनके रिश्तेदार ने लोन लिया है। यह कॉल न केवल धोखाधड़ी की कोशिश थी, बल्कि कॉलर ने असफल होने पर अभद्र भाषा का भी इस्तेमाल किया। आइए, इस घटना को विस्तार से समझते हैं और जानते हैं कि आप ऐसी ठगी से कैसे बच सकते हैं।
स्कैम कॉल का खुलासा
9 मई 2025 को एक व्यक्ति को 8130296323 नंबर से कॉल आई। कॉलर ने दावा किया कि वह HDFC बैंक से बोल रहा है और उनके किसी रिश्तेदार ने लोन लिया है। कॉलर ने व्यक्तिगत जानकारी मांगने की कोशिश की, लेकिन सतर्क नागरिक ने सवाल उठाए। जब कॉलर की चाल नाकाम रही, तो उसने गालियां देनी शुरू कर दीं। इस घटना ने एक बार फिर साइबर ठगी के बढ़ते खतरे को उजागर किया है।
यूजर की सतर्कता ने बिगाड़ा खेल
कॉलर की बातों पर शक होने पर यूजर ने तुरंत सवाल किए, जिससे स्कैमर घबरा गया। यह सतर्कता ही थी जिसने ठगी को नाकाम कर दिया। यूजर ने बिना देर किए HDFC बैंक को ईमेल के जरिए इसकी शिकायत की। यह घटना हमें सिखाती है कि संदिग्ध कॉल्स पर तुरंत सवाल करना और बिना पुष्टि के कोई जानकारी साझा न करना कितना जरूरी है।
HDFC बैंक का जवाब
HDFC बैंक ने यूजर की शिकायत पर तुरंत जवाब दिया। बैंक ने स्पष्ट किया कि ये कॉल उनके द्वारा नहीं की गई थी। बैंक ने इसे "विशिंग" (Vishing) कॉल बताया, जो एक तरह की धोखाधड़ी है, जिसमें कॉलर फर्जी कॉल्स के जरिए गोपनीय जानकारी हासिल करने की कोशिश करता है। बैंक ने यह भी बताया कि वे कभी भी ग्राहकों से पासवर्ड, पिन या अन्य गोपनीय जानकारी फोन, ईमेल या SMS के जरिए नहीं मांगते। यह जवाब न केवल यूजर के लिए राहत लेकर आया, बल्कि अन्य ग्राहकों के लिए भी एक चेतावनी है कि वे सतर्क रहें।
विशिंग कॉल क्या है?
विशिंग (Voice Phishing) एक ऐसी तकनीक है, जिसमें साइबर अपराधी फोन कॉल्स के जरिए लोगों को बरगलाते हैं। वे खुद को बैंक अधिकारी, सरकारी कर्मचारी या किसी विश्वसनीय संस्था का प्रतिनिधि बताकर व्यक्तिगत जानकारी जैसे बैंक खाता नंबर, पासवर्ड या OTP मांगते हैं। ऐसी कॉल्स से बचने के लिए जरूरी है कि आप किसी भी अनजान नंबर पर भरोसा न करें और कोई भी गोपनीय जानकारी साझा करने से पहले उसकी पुष्टि करें।
साइबर ठगी से बचने के उपाय
साइबर ठगी से बचने के लिए कुछ आसान लेकिन प्रभावी कदम उठाए जा सकते हैं। सबसे पहले, किसी भी अनजान कॉलर को अपनी निजी जानकारी न दें। अगर कोई बैंक कर्मचारी होने का दावा करता है, तो उससे उसका आधिकारिक पहचान पत्र या कॉल सत्यापन के लिए कहें। इसके अलावा, संदिग्ध कॉल की शिकायत तुरंत बैंक और साइबर क्राइम पोर्टल पर करें। अपने मोबाइल में ट्रूकॉलर जैसे ऐप्स का इस्तेमाल करें, जो अनजान नंबरों की पहचान करने में मदद करते हैं।
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