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इन तीन टीचर्स की वजह से फिजिक्स अब नहीं लगती डरावनी, जानिए कैसे

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Teachers Day 2025 : शिक्षा की दुनिया में कुछ टीचर ऐसे होते हैं जो अपनी अनोखी स्टाइल, विजन और योगदान की वजह से हमेशा याद रहते हैं। भौतिकी जैसे मुश्किल विषय को आसान और दिलचस्प बनाने में कई शिक्षकों ने बड़ी भूमिका निभाई है। शिक्षक दिवस के मौके पर तीन नाम खासतौर पर याद आते हैं—नितिन विजय (एनवी सर), प्रोफेसर एच.सी. वर्मा और विवेक मद्धेशिया।

एनवी सर: कोटा से निकला एक नया चैप्टर

कोटा को एजुकेशन हब बनाने में जिन टीचर्स का हाथ है, उनमें एनवी सर का नाम सबसे ऊपर आता है। आईआईटी बीएचयू से ग्रेजुएट एनवी सर ने मोशन एजुकेशनल प्राइवेट लिमिटेड की शुरुआत की। छात्र उनकी टीचिंग स्टाइल को इसलिए पसंद करते हैं क्योंकि वो सबसे मुश्किल कॉन्सेप्ट्स को भी उदाहरणों और कहानियों से इतना सिंपल बना देते हैं कि समझना आसान हो जाता है। उनकी यह शैली ने जेईई और नीट जैसी कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी कर रहे हजारों छात्रों को इंस्पायर किया है।

प्रो. एच.सी. वर्मा: कॉन्सेप्ट्स के मास्टरमाइंड

एच.सी. वर्मा, जो आईआईटी कानपुर के फिजिक्स डिपार्टमेंट से प्रोफेसर के तौर पर रिटायर हुए, लंबे समय से छात्रों के बीच “कॉन्सेप्ट्स ऑफ फिजिक्स” किताब के लिए फेमस हैं। पटना साइंस कॉलेज और फिर आईआईटी कानपुर से पढ़ाई करने वाले वर्मा सर ने अपनी टीचिंग और किताबों के जरिए भारतीय छात्रों की पूरी जेनरेशन को फिजिक्स की बेसिक समझ दी है। उनकी लिखी किताब आज भी जेईई की तैयारी करने वाले ज्यादातर छात्रों की पहली चॉइस बनी हुई है।

विवेक मद्धेशिया: संघर्ष से टीचिंग तक की इंस्पायरिंग जर्नी

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले से आने वाले विवेक मद्धेशिया की स्टोरी बिल्कुल अलग है। बेहद साधारण फैमिली बैकग्राउंड से ताल्लुक रखने वाले विवेक ने पढ़ाई के दौरान सड़क किनारे चना बेचकर अपना खर्च निकाला। बाद में उन्होंने आईआईटी मद्रास से फिजिक्स में पोस्टग्रेजुएट किया और अब पटना के एक ट्रस्ट में पढ़ा रहे हैं। यहां वो उन छात्रों को गाइड कर रहे हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर बैकग्राउंड से आते हैं और जेईई व नीट जैसी एग्जाम की तैयारी करते हैं। अब तक उनके गाइडेंस में 100 से ज्यादा छात्र आईआईटी और एनआईटी में एडमिशन ले चुके हैं। विवेक सर का मानना है—”ज्ञान बांटने से बढ़ता है, और टीचर की असली कमाई उसके छात्रों की सफलता है।” नीट के छात्रों की सबसे बड़ी प्रॉब्लम ये होती है कि उन्हें फिजिक्स के मैथमैटिकल बेस जैसे ट्रिग्नोमेट्री, वेक्टर, कैलकुलस, ग्राफिकल एनालिसिस वगैरह मुश्किल लगते हैं, और इसी वजह से कॉम्प्लेक्स फिजिक्स क्वेश्चन्स सॉल्व करने में दिक्कत आती है। इस प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए विवेक सर अब छात्रों की सुविधा के लिए मैथमैटिकल फिजिक्स पर एक किताब भी लिख रहे हैं।

साझा विरासत

इन तीनों टीचर्स की बैकग्राउंड और वर्किंग एरिया भले ही अलग हों—कोटा की कोचिंग इंडस्ट्री, आईआईटी की लैब्स या किसी ट्रस्ट की क्लासरूम—लेकिन इनका कॉमन गोल एक ही है: फिजिक्स को सिंपल बनाना और छात्रों को आगे बढ़ने का मौका देना।

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