Critical Illness Cover : स्टैंडर्ड हेल्थ इंश्योरेंस (Standard Health Insurance) हर बीमारी का खर्च नहीं उठाता. खासकर कैंसर, हार्ट अटैक या किडनी फेलियर जैसी गंभीर बीमारियों में ये पॉलिसी काम नहीं आती. इसलिए अपनी मौजूदा पॉलिसी में क्रिटिकल इलनेस कवर (Critical Illness Cover) जरूर जोड़ें.
ऐसा करके आप थोड़ा अतिरक्त प्रीमियम देकर लाखों की मेडिकल लागत से बच सकते हैं. क्रिटिकल इलनेस कवर (Critical Illness Cover) ऐसी गंभीर स्थितियों में आपकी ढाल बनता है.
गंभीर बीमारी में सिर्फ अस्पताल ही नहीं, पूरा घर चलाना पड़ता है
गंभीर बीमारी में अस्पताल के अलावा घर का खर्च, दवाइयां और इनकम लॉस भी झेलना पड़ता है. ऐसे में क्रिटिकल इलनेस कवर (Critical Illness Cover) एकमुश्त राशि देता है, जिससे आप इलाज के साथ बाकी जरूरतें भी पूरी कर सकते हैं. यह सिर्फ इंश्योरेंस नहीं, मुश्किल समय की फाइनेंशियल लाइफलाइन है. स्टैंडर्ड हेल्थ इंश्योरेंस (Standard Health Insurance) इन अतिरिक्त खर्चों को कवर नहीं करता, लेकिन क्रिटिकल इलनेस कवर (Critical Illness Cover) आपको पूरी सुरक्षा देता है.
एजेंट के भरोसे मत रहिए, खुद चेक करें डिटेल्स
कई लोग एजेंट के भरोसे फॉर्म भरते हैं और बाद में पछताते हैं. बीमा खरीदने से पहले देखें कि कितनी बीमारियां कवर हैं, वेटिंग पीरियड क्या है और क्या फैमिली फ्लोटर प्लान शामिल है. छोटी डिटेल्स समझकर आप आगे बड़ी मुसीबत से बच सकते हैं. स्टैंडर्ड हेल्थ इंश्योरेंस (Standard Health Insurance) में क्रिटिकल इलनेस कवर (Critical Illness Cover) जोड़ना आसान है, बस सही जानकारी लें.
टैक्स बचत का डबल फायदा मत छोड़िए
सेक्शन 80D के तहत हेल्थ इंश्योरेंस पर टैक्स छूट मिलती है, लेकिन अगर आपने राइडर जोड़ा है तो उसका फायदा भी लेना न भूलें. इससे प्रीमियम का बोझ थोड़ा हल्का होगा और सेविंग्स बढ़ेंगी. समझदारी से पॉलिसी अपडेट करना मतलब डबल बेनिफिट – सेफ्टी और सेविंग्स दोनों. क्रिटिकल इलनेस कवर (Critical Illness Cover) के साथ स्टैंडर्ड हेल्थ इंश्योरेंस (Standard Health Insurance) को अपग्रेड करें.
40 पार हैं या हाई-रिस्क जॉब? अभी अपडेट करें पॉलिसी
अगर आप 40 की उम्र पार कर चुके हैं या हाई-रिस्क जॉब में हैं, तो क्रिटिकल इलनेस कवर (Critical Illness Cover) जरूरी निवेश है. इस उम्र में बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है और इलाज महंगा हो जाता है. समय रहते पॉलिसी अपडेट करें, ताकि अस्पताल का बिल आपकी पूरी जमा-पूंजी न उड़ा दे. स्टैंडर्ड हेल्थ इंश्योरेंस (Standard Health Insurance) अकेला काफी नहीं, क्रिटिकल इलनेस कवर (Critical Illness Cover) जोड़कर पूरी तैयारी करें.
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