जबलपुर, 6 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . Madhya Pradesh के जबलपुर में Monday को महर्षि वाल्मीकी एवं महाराजा अजमीढ देव की जयंती के अवसर पर अग्रवाल धर्मशाला ग्वारीघाट में समरसता सेवा संगठन द्वारा विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. सब सबको जाने सब सबको माने के ध्येय वाक्य को लेकर आयोजित इस गोष्ठी में विशिष्ट आतिथ्य के रूप में डॉ राजेन्द्र कुररिया कुलगुरु (अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा) के मुख्य आतिथ्य, एड एमएम नेमा (वरिष्ठ कर सलाहकार) मौजूद रहे.
डॉ कुररिया ने गोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि समरसता का जो भाव है वह सामूहिकता का भाव है और वही भारत का भाव है, जिस तरह एक एक दीप जलाकर हम प्रकाश को बढ़ाते है उसी तरह समरसता के भाव को भी एक दूसरे के साथ मिलकर आगे बढ़ाये, इसके लिए हमें समाज के बीच जाना होगा उन्हें समझाना होगा उन्हें बताना होगा हम भारतवासी है, हम सनातन परम्परा को मानने वाले है इसीलिए हम सभी एक है और एक होकर ही समरस समाज से समर्थ समाज और समरस भारत से समर्थ भारत की बनाने में अपना योगदान देंगे.
कार्यक्रम की प्रस्तवाना एवं स्वागत उद्बोधन देते हुये समरसता सेवा संगठन के अध्यक्ष संदीप जैन ने कहा कि हमारे महापुरुषों, आरध्यों, देवियों ने सर्व समाज को अपने विचार और ज्ञान से दिशा देने का कार्य किया पर कालांतर में हमने इन महापुरुषों को अपने अपने जाति वर्ग में बाँट लिया और इससे न केवल समाज में दूरियां पैदा हुई बल्कि हमारे पारम्परिक त्योहारों के उत्साह में कमी हुई, हमने प्रयास प्रारम्भ किया और समरसता सेवा संगठन का गठन किया और विगत 3 वर्षों में सर्व समाज के सहयोग से हम विचार गोष्ठी और पारम्परिक परवों के माध्यम से समरस भारत से समर्थ भारत बनाने की लिए कार्य कर रहे है और हम जिस उदेश्य को लेकर कार्य कर रहे है उसमे सभी लोगो का सहयोग मिल रहा है संस्कारधानी में बदलाव देखने मिल रहा है.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलगुरु डॉ राजेन्द्र कुरारिया ने विचार गोष्ठी को सम्बोधित करते हुये कहा कि सब सबको जाने और सब सबको माने के ध्येय वाक्य को लेकर समरसता सेवा संगठन कार्य कर रहा है, हमें सबसे पहले सबको जानने के पहले स्वयं को जानना होगा. कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि एडवोकेट एमएम नेमा ने अपने सम्बोधन में कहा हमारे पूर्वजों ने जो हमें दिया है उसे आगे बढ़ाने का कार्य हमें मिलकर करना होगा और हम देखेंगे की हमारे पूर्वजों ने हमें समरस और एकजुट समाज दिया था पर आज कहीं न कहीं सामाजिक रूप से बिखराव देखने मिल रहा है पर समरसता सेवा संगठन जैसे संगठन के माध्यम से हम पुनः उस समरस समाज की स्थापना करने में अपना अपना योगदान देंगे, ऐसा हमें विश्वास है.
विचार गोष्ठी के उपरांत नर्मदा उद्यान में अतिथियों के साथ सभी आगँतुक जनों ने मिलकर समी पत्र एवं आक का पौधा रोंपा और पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया, इस अवसर पर आगँतुक जनो को अपने अपने क्षेत्र में पौधों का वितरण भी किया गया. कार्यक्रम का संचालन धीरज अग्रवाल और आभार सचिव उज्ववल पचौरी ने व्यक्त किया.
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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक
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