जयपुर, 22 अप्रैल . राजस्थान पुलिस प्रदेश में बाल विवाह की रोकथाम के लिए एक विशेष अभियान ऑपरेशन लाडली चलाने जा रही है. अभियान का उद्देश्य बाल विवाह को रोकने के लिए जागरुकता फैलाना और कानूनी कार्यवाही करना है. यह अभियान छब्बीस अप्रैल से शुरू होगा और पांच दिनों तक चलेगा.
पुलिस महानिदेशक सिविल राइट्स एवं एएचटीयू मालिनी अग्रवाल ने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार बाल विवाह एक अपराध है. इस कुप्रथा का आयोजन विशेष कर अक्षय तृतीया (आखातीज) व पीपल पूर्णिमा जैसे पर्वों के साथ-साथ अन्य सावों पर भी विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में किया जाता है. इसी वजह से बाल विवाह की रोकथाम के लिए निरंतर निगरानी रखने एवं बाल विवाह नहीं होने की सुनिश्चितता की जानी अत्यंत आवश्यक है. इसी उद्देश्य से इस कु-प्रथा की रोकथाम के लिए राजस्थान पुलिस 26 से 30 अप्रैल तक पांच दिवसीय विशेष अभियान ऑपरेशन लाडली चलाने जा रही है. जिसमें जागरुकता के साथ-साथ अवहेलना करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध आवश्यक विधिक कार्यवाही की जाएगी.
इसके लिए रेंज व जिला स्तर पर कार्यरत विभिन्न महिला संगठनों सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनों की सहायता लेकर प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिला, खंड, स्कूल, ग्राम स्तरीय एवं सेवा प्रदाताओं की कार्यशाला का आयोजन कर प्रतिभागियों को अभियान के प्रति संवेदनशील बना 18 वर्ष से कम आयु की बालिकाओं एवं 21 वर्ष से कम आयु के बालकों को बाल विवाह कानून के प्रति जागरूक किया जाएगा. राजस्थान पुलिस दुकानों, प्रमुख स्थानों पर दीवार लेखन, जागरूकता रैली, शासकीय एवं धार्मिक कार्यक्रमों में बाल विवाह नहीं करने की शपथ, डॉक्यूमेंट्री, नुक्कड़ नाटक, होर्डिंग एवं समाचार पत्रों में विज्ञापन के द्वारा भी प्रचार प्रसार करेगी. विवाह संपन्न करने वाले ब्राह्मण, टेंट वाले, बैण्ड व घोड़े वालों और हलवाइयों को भी पाबंद किया जाएगा कि वे बाल विवाह की सूचना तुरंत पुलिस को दे, ऐसा नहीं करने पर उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी. सूचना देने वालों को प्रोत्साहन के साथ मजबूत सुरक्षा तंत्र उपलब्ध कराया जाएगा.
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