भोपाल, 04 नवंबर (Udaipur Kiran) . Madhya Pradesh की मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने मंगलवार को स्पष्ट किया है कि राज्य शासन के संकल्प की पूर्ति के लिए कंपनी कार्यक्षेत्र के 16 जिलों में किसानों को कृषि फीडरों पर 10 घंटे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है. यह देखने में भी आया है कि असामाजिक तत्वों के प्रभाव में निर्धारित घंटे एवं घोषित समयानुसार से अधिक विद्युत प्रदान किये जाने से कृषि फीडरों पर विद्युत से होने वाली दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है. साथ ही इससे घरेलू फीडरों पर 24X7 विद्युत प्रदाय किये जाने में भी बाधा उत्पन्न होती है. इन घंटों से अधिक आपूर्ति के लिए संबंधित अधिकारियों पर कुछ दंड के प्रावधान किये गये हैं.
इन्हीं प्रावधानों के अंतर्गत कहा गया है कि यदि विद्युत प्रदाय के घंटों में किसी कारण से वृद्धि होती है तो इसके परिणाम बिजली कंपनी के आर्थिक समंकों में गिरावट के रूप में दर्ज होते हैं. इससे एक ओर जहॉं तकनीकी एवं वाणिज्यिक हानियों में वृद्धि होती है वहीं दूसरी ओर इन आर्थिक समंकों में गिरावट होने से विद्युत वितरण के क्षेत्र में चल रही परियोजनाओं एवं निर्माण कार्यों की पात्रता की शर्तें बदल जाती हैं और कंपनी को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है.
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के भोपाल, नर्मदापुरम, ग्वालियर एवं चंबल संभाग के 16 जिलों में 09 लाख 92 हजार 171 कृषि उपभोक्ताओं को निर्बाध रूप से 10 घंटे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है. वर्ष 2024-25 में कृषि उपभोक्ताओं को 6465 करोड़ की सब्सिडी प्रदान की गई है. इसी प्रकार वर्ष 2025-26 में कृषि उपभोक्ताओं को 2535 करोड़ की सब्सिडी प्रदान की गई है.
विद्युत प्रदाय के घंटों की समय अवधि की गणना के लिये मीटर की तकनीकी विशिष्टता की स्पष्टता के लिए उक्त परिपत्र पुनरीक्षित किया गया है. यहॉ यह उल्लेखनीय है कि पुनरीक्षित प्रपत्र में कृषि फीडरों में निर्धारित 10 घंटे विद्युत प्रदाय के नियम में किसी प्रकार का परिवर्तन/कमी नहीं की गई है.
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संज्ञान में यह बात आई कि उक्त निर्देशों को लेकर सोशल मीडिया पर यह गलत एवं भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही है कि किसानों को बिजली उपलब्ध कराने में कंपनी एवं विभाग को कठिनाई आ रही है. यह बात वास्तविकता से परे होकर असत्य है.
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उक्त निर्देशों को पुनः रेखांकित करते हुए 3 नवंबर 2025 को एक परिपत्र जारी किया है, जिसमें उपरोक्त अनुसार राज्य शासन के निर्देशानुसार कृषि फीडर पर 10 घंटे विद्युत प्रदाय करने की प्रतिबद्धता एवं निर्देश दोहराए गए हैं. इन्हीं निर्देशों में यह भी स्पष्ट किया है की विभिन्न क्षेत्र को विभिन्न समूह में बांटा गया है, जिससे 10 घंटे विद्युत प्रदाय का कार्यक्रम कृषि प्रयोजन हेतु सुनिश्चित रहे. किसी भी ग्रुप को 10 घंटे से अधिक विद्युत प्रदायक करने का कृषि फीडर पर प्रावधान नहीं होने के कारण विभागीय अधिकारियों को उक्त निर्देश का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए हैं.
यह स्पष्ट किया जाता है की ऊर्जा विभाग एवं विद्युत वितरण कंपनियां कृषि कार्य हेतु 10 घंटे विद्युत प्रदाय करने के लिए प्रतिबद्ध है एवं उसकी पूर्ति करने के लिए लगातार कार्यरत है.
(Udaipur Kiran) तोमर
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