अगले शैक्षणिक वर्ष (2026-27) से राज्य के 200 सरकारी स्कूलों में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) आधारित पाठ्यक्रम शुरू करने और सीबीएसई से संबद्धता प्राप्त करने की प्रक्रिया को लेकर राज्य सरकार ने कदम उठाए हैं। सरकार के इस महत्वपूर्ण फैसले के मद्देनजर स्कूल शिक्षा निदेशालय ने एक रोडमैप तैयार किया है और इसे लागू करने के लिए सक्रियता से कार्य शुरू कर दिया है।
अस्थायी सूची जारी:
इस फैसले के तहत, 229 सरकारी स्कूलों की अस्थायी सूची भी जारी की गई है, जिसमें 47 पीएमश्री और एक्सीलेंस स्कूलों को सीबीएसई से संबद्ध करने की योजना है। इसके अलावा, 150 अन्य सरकारी स्कूलों का चयन इस प्रक्रिया में किया जाएगा। इस कदम से शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है, और राज्य के सरकारी स्कूलों में छात्रों को एक नया शैक्षिक अनुभव मिलने की संभावना है।
शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार:
राज्य सरकार का उद्देश्य सरकारी स्कूलों में पढ़ाई के स्तर को सीबीएसई के मानकों के अनुरूप लाना है, ताकि विद्यार्थियों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी शिक्षा मिल सके। सीबीएसई आधारित पाठ्यक्रम की शुरुआत से छात्रों को बेहतर पाठ्यक्रम, अधिक संसाधन और आधुनिक शिक्षा पद्धतियों का लाभ मिलेगा। इससे उन छात्रों को भी फायदा होगा जो प्राइवेट स्कूलों की तुलना में सरकारी स्कूलों में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री श्री और एक्सीलेंस स्कूलों की भूमिका:
पीएमश्री (प्रधानमंत्री स्कूल फॉर रिसोर्सस फॉर इंटेलेक्चुअल एक्सेलेन्स) और एक्सीलेंस स्कूलों को प्राथमिकता दी जा रही है, क्योंकि इन स्कूलों में पहले से ही अच्छी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं और छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है। इन स्कूलों को सीबीएसई से संबद्ध करने का मुख्य उद्देश्य उन्हें राष्ट्रीय शिक्षा के मानक के साथ जोड़ना है।
आगे की योजना:
सरकारी स्कूलों के प्रमुख अधिकारियों का कहना है कि सीबीएसई पाठ्यक्रम से जुड़ी सभी प्रक्रियाओं को जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा, ताकि 2026-27 से छात्रों को सीबीएसई के तहत शिक्षा प्राप्त हो सके। इसके लिए स्कूलों को आवश्यक संसाधनों और प्रशिक्षण से भी लैस किया जाएगा।
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