झारखंड कांग्रेस में हाल ही में जिला अध्यक्षों की नई टीम के गठन के बाद पार्टी में विरोध की आवाजें उठने लगी हैं। कोडरमा जिले में पुराने कार्यकर्ताओं ने नवनियुक्त अध्यक्ष को बाहरी बताकर चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं।
❖ विरोध का कारणपुराने और अनुभवी कार्यकर्ताओं का कहना है कि नई टीम के गठन में पार्टी मानकों और वरिष्ठता का पालन नहीं किया गया। उनका आरोप है कि पार्टी ने सिर्फ बाहरी और अनजान व्यक्तियों को प्राथमिकता दी, जिससे पुराने कार्यकर्ताओं में असंतोष उत्पन्न हुआ।
❖ नई टीम की प्रतिक्रियानवनियुक्त जिला टीम ने विरोध करने वालों को “स्लीपर सेल” कहकर खारिज किया है। उनका कहना है कि यह समूह पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए सक्रिय है। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी का निर्णय निष्पक्ष और रणनीतिक दृष्टिकोण के आधार पर लिया गया है।
❖ निवर्तमान जिलाध्यक्ष का बयाननिवर्तमान जिलाध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि विरोध केवल कुछ कार्यकर्ताओं का व्यक्तिगत मत है, और इसे पार्टी का आधिकारिक बयान नहीं माना जाना चाहिए। उन्होंने सभी से संघर्ष और संगठनात्मक अनुशासन बनाए रखने की अपील की।
❖ राजनीतिक विश्लेषणविशेषज्ञों का कहना है कि पार्टी में नई टीम के गठन के समय विरोध स्वाभाविक है, विशेषकर जब पुराने कार्यकर्ताओं को सुनवाई का अवसर कम मिलता है। हालांकि, पार्टी नेतृत्व की कोशिश यह होती है कि विरोध को नियंत्रण में रखते हुए संगठन की एकता बनी रहे।
❖ आगे की संभावनाएंकोडरमा में अब यह देखना होगा कि पार्टी नेतृत्व किस तरह विरोध का समाधान करता है और क्या पुराने कार्यकर्ताओं को नई टीम में शामिल करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। इस मामले में पार्टी की सुधारात्मक रणनीति संगठन की मजबूती तय करेगी।
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