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हरियाणा में एक घर और 501 वोटर का मामला, राहुल गांधी के एक बयान से सियासी सुर्ख़ियों का विषय बना 'हाउस नंबर 265'

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हरियाणा के पलवल ज़िले के होडल कस्बे में मकान संख्या 265, राहुल गांधी की हालिया प्रेस कॉन्फ्रेंस में उठाए गए कथित मतदाता धोखाधड़ी के मुद्दे को लेकर राजनीतिक तूफान का केंद्र बन गया है। कांग्रेस पार्टी का दावा है कि इस पते पर 501 मतदाता पंजीकृत हैं और यह घर एक भाजपा पार्षद का है।

हालांकि, जब आजतक की टीम ने मौके पर जाकर पड़ताल की तो स्थिति कुछ और ही थी। स्थानीय लोगों का दावा है कि इलाके के लगभग हर घर का नाम मकान संख्या 265 के नाम से ही अंकित है, जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि सभी मतदाता असली हैं और यह मामला केवल बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) की एक लिपिकीय त्रुटि का परिणाम है। मामले की गंभीरता को देखते हुए, ज़िला प्रशासन ने घर-घर जाकर मतदाता सत्यापन अभियान शुरू किया है। अधिकारी अब हर घर जाकर यह पता लगा रहे हैं कि कौन से मतदाता वास्तव में वहाँ रहते हैं और किसके दस्तावेज़ों में विसंगतियाँ हैं।

गली के सभी मकानों का नंबर 265 है: भाजपा पार्षद
आज तक से बात करते हुए, पूर्व भाजपा पार्षद सुंदर सिंह, जो खुद मकान नंबर 265 में रहते हैं, ने बताया कि उनके इलाके में यह गड़बड़ी लंबे समय से चली आ रही है। उन्होंने कहा, "हमारी गली में एक पंक्ति में पाँच मकान हैं। ये सभी मेरे भाइयों और चचेरे भाइयों के हैं। लेकिन मतदाता सूची में इन सभी का मकान नंबर 265 दर्ज है। यही वजह है कि सैकड़ों मतदाता एक ही पते पर पंजीकृत प्रतीत होते हैं। आस-पास की गलियों में, मेरे दादा के भाइयों के मकान भी इसी नंबर पर पंजीकृत हैं।" उन्होंने यह भी बताया कि हाल के वर्षों में, उत्तर प्रदेश से सटे इलाकों के लोग ज़मीन खरीदकर यहाँ बस गए हैं। सुंदर सिंह ने कहा, "यहाँ कई लोग मतदाता बन गए हैं, लेकिन उनके नाम उत्तर प्रदेश की मतदाता सूची में भी हैं। यह वाकई गंभीर मामला है।"

स्थानीय लोगों के विचार

आस-पास के घरों में रहने वाले कई निवासियों ने दावा किया कि वे स्थानीय और वैध मतदाता हैं। कुछ निवासियों ने यह भी स्वीकार किया कि उनके आधार कार्ड पर उनके मकान नंबर अलग थे, लेकिन मतदाता सूची में उनका नाम 265 नंबर पर दर्ज था। एक निवासी ने कहा, "हम यहाँ रहते हैं, लेकिन मतदाता सूची में एक गलती है। अब अधिकारी घर-घर जाकर सत्यापन कर रहे हैं और उम्मीद है कि गलती सुधार ली जाएगी।"

प्रशासनिक कार्रवाई और आगे की राह

वर्तमान में, ब्लॉक स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) और स्थानीय अधिकारी क्षेत्र का भौतिक सत्यापन कर रहे हैं। प्रत्येक परिवार से दस्तावेज़ मांगे जा रहे हैं और मतदाता सूची में संशोधन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जिला प्रशासन का कहना है कि सत्यापन पूरा होने के बाद, आगामी विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सभी गलत पते और डुप्लिकेट मतदाताओं को हटा दिया जाएगा।

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