स्थानीय प्रखंड के ओजबरवन गांव स्थित ऐतिहासिक बौद्धनाथ शिव मंदिर के समीप स्थित तालाब आज सरकारी उदासीनता व नियोजनहीनता का जीता जागता उदाहरण बन गया है। झील के चारों ओर मनरेगा के तहत लगभग 9 लाख रुपये की लागत से पक्के ब्लॉक और बेंच लगाए गए। इसके बाद सांसद निधि से करीब पांच लाख रुपये की लागत से घाट भी बनवाया गया। इसका मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण को बढ़ावा देना तथा गांव की रौनक बढ़ाना था, लेकिन वर्तमान में यह झील पूरी तरह सूख चुकी है। पानी की जगह धूल और घास ने ले ली है।
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