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क्या रोज़ साबुन से नहाना सही है? जानें स्किन एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं

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लाइफस्टाइल डेस्क | अक्टूबर 13, 2025

अक्सर हम सुबह उठते ही सबसे पहले नहाने की सोचते हैं और नहाते समय साबुन लगाना हमें एक ज़रूरी कदम लगता है।
क्योंकि हमें यही सिखाया गया है कि “साफ-सफाई का मतलब है साबुन का इस्तेमाल।”
लेकिन क्या आप जानते हैं कि रोज़ाना साबुन लगाना आपकी त्वचा (Skin) के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है?
स्किन एक्सपर्ट्स का मानना है कि ज़रूरत से ज़्यादा साबुन का इस्तेमाल त्वचा की नमी और नेचुरल ऑयल को खत्म कर देता है, जिससे स्किन ड्राई, डल और खुजलीदार हो सकती है।

रोज़ नहीं, हफ्ते में सिर्फ 2–4 बार लगाएं साबुन

त्वचा विशेषज्ञों के अनुसार, हर दिन साबुन लगाना ज़रूरी नहीं है।
दरअसल, हमारे शरीर पर मौजूद नेचुरल ऑयल्स और माइक्रोब्स स्किन को हेल्दी रखते हैं।
अगर रोज़ाना साबुन से नहाया जाए, तो ये नैचुरल प्रोटेक्शन लेयर नष्ट हो जाती है।

👉 इसलिए, हफ्ते में सिर्फ 2 से 4 बार साबुन का इस्तेमाल पर्याप्त है।
बाकी दिनों में आप गुनगुने पानी से नहाकर भी शरीर को साफ रख सकते हैं।
गुनगुना पानी न केवल पसीना और धूल साफ करता है बल्कि त्वचा की नेचुरल नमी को भी बनाए रखता है।

हर दिन साबुन लगाने के नुकसान

बाजार में मिलने वाले ज्यादातर साबुनों में केमिकल्स, आर्टिफिशियल फ्रेगरेंस और डिटर्जेंट बेस होते हैं।
ये पदार्थ रोजाना इस्तेमाल करने से त्वचा की ऊपरी परत को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

हर दिन साबुन लगाने के कुछ सामान्य नुकसान इस प्रकार हैं 👇

  • त्वचा की प्राकृतिक नमी खत्म हो जाती है
  • रूखापन और खुजली बढ़ने लगती है
  • स्किन पीलिंग (छिलने) की समस्या हो सकती है
  • सेंसिटिव स्किन वालों को रैशेज या एलर्जी हो सकती है
  • लंबे समय में स्किन डल और बेजान दिखने लगती है

इसलिए रोज़ साबुन से नहाना, साफ-सफाई का नहीं बल्कि नुकसान का कारण बन सकता है।

साबुन के सही इस्तेमाल के तरीके

अगर आप पूरी तरह से साबुन छोड़ना नहीं चाहते, तो कुछ सावधानियां रख सकते हैं —

  • माइल्ड या हर्बल साबुन चुनें:
    ऐसे साबुन जिनमें एलोवेरा, मिल्क या शहद जैसे नैचुरल तत्व हों।
  • सर्दियों और गर्मियों के अनुसार साबुन बदलें:
    गर्मियों में हल्का साबुन और सर्दियों में क्रीम बेस्ड साबुन बेहतर रहता है।
  • नहाने के बाद मॉइस्चराइज़र लगाएं:
    यह स्किन की खोई नमी वापस लाता है और रूखापन रोकता है।
  • डिटर्जेंट बेस्ड साबुन न प्रयोग करें:
    ये त्वचा को अत्यधिक ड्राई बनाते हैं और नेचुरल ऑयल को नष्ट करते हैं।
  • संवेदनशील त्वचा वाले लोग मिल्क या ग्लिसरीन बेस्ड साबुन इस्तेमाल करें।
  • गुनगुने पानी से नहाने के फायदे
    • स्किन पर जमी धूल और पसीना आसानी से साफ होता है
    • रोमछिद्र (pores) खुलते हैं, जिससे स्किन सांस ले पाती है
    • नैचुरल ऑयल्स सुरक्षित रहते हैं
    • स्किन मुलायम और ग्लोइंग दिखती है

    यानी, हर दिन साबुन लगाने की जगह, गुनगुने पानी से साधारण स्नान भी उतना ही प्रभावी और त्वचा के लिए अधिक सुरक्षित है।

    निष्कर्ष: कम साबुन, ज्यादा नेचुरल केयर

    त्वचा की सफाई ज़रूरी है, लेकिन अत्यधिक साबुन इस्तेमाल से स्किन को नुकसान पहुंच सकता है।
    इसलिए रोज़ाना नहीं, बल्कि हफ्ते में 2–4 बार ही साबुन का उपयोग करें।
    साथ ही, अपने स्किन टाइप के अनुसार सही साबुन और मॉइस्चराइज़र चुनें।
    ऐसा करने से आपकी त्वचा रहेगी हेल्दी, सॉफ्ट और नैचुरली ग्लोइंग।

    अस्वीकरण:

    यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई सलाह किसी चिकित्सकीय परामर्श का विकल्प नहीं है।
    किसी भी त्वचा समस्या या एलर्जी की स्थिति में, हमेशा योग्य त्वचा विशेषज्ञ से सलाह लें।

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