हम सभी अपने दादा-दादी, नाना-नानी को तो अक्सर याद करते हैं. उनकी पुण्यतिथि पर पूजा भी करते हैं. लेकिन क्या आपने कभी उन पूर्वजों के बारे में सोचा है, जिन्हें हमने कभी देखा नहीं? या परिवार के उन सदस्यों के बारे में जिनकी मृत्यु की तारीख हमें याद ही नहीं?हमारी संस्कृति में हर किसी के लिए जगह है, हर किसी के लिए सम्मान है. पितृ पक्ष का एक दिन ऐसा भी है, जो खास तौर पर इन्हीं भूले-बिसरे पूर्वजों को समर्पित है. इस दिन को सर्व पितृ अमावस्या कहते हैं. यह पितृ पक्ष का आखिरी और सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है.आखिर क्यों है यह दिन इतना खास?साधारण भाषा में समझें तो, यह एक तरह से अपने सभी ज्ञात और अज्ञात पूर्वजों को एक साथ "धन्यवाद" कहने का दिन है.साल 2025 में कब है सर्व पितृ अमावस्या?अगले साल यानी 2025 में, पितृ पक्ष की यह सबसे बड़ी और आखिरी तिथि, सर्व पितृ अमावस्या 3 अक्टूबर, शुक्रवार को मनाई जाएगी.(उदय तिथि के अनुसार श्राद्ध कर्म 3 अक्टूबर को ही किया जाएगा.)इस दिन क्या करना चाहिए?इस दिन लोग सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और साफ कपड़े पहनकर पितरों को याद करते हैं.यह दिन सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि अपनी जड़ों से जुड़ने का, अपने पूर्वजों के त्याग को याद करने और उनके प्रति अपना सम्मान प्रकट करने का एक खूबसूरत मौका है. जब हमारे पितर खुश होते हैं, तो घर में सुख, शांति और समृद्धि अपने आप आने लगती है.
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