बीजिंग: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने परमाणु हथियारों के परीक्षण फिर से शुरू करने की अपनी योजना को सही ठहराते हुए कहा कि पाकिस्तान और चीन भी न्यूक्लियर टेस्ट कर रहे हैं। हालांकि चीन ने गुप्त रूप से परमाणु हथियारों का परीक्षण करने से इनकार करते हुए ट्रंप के दावे को खारिज किया है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने सोमवार को जारी अपने बयान में कहा कि बीजिंग ने परमाणु हथियारों के परीक्षण पर दशकों से जारी अनौपचारिक रोक को नहीं तोड़ा है। बीजिंग आत्मरक्षात्मक परमाणु रणनीति पर कायम है और परमाणु परीक्षण पर अपने प्रतिबंध का पालन करता है।
ट्रंप के आरोपों से संबंधित सवालों के जवाब में माओ ने कहा कि चीन ने परमाणु परीक्षण स्थगित करने की अपनी प्रतिबद्धता का पालन किया है। उन्होंने कहा, 'जिम्मेदार परमाणु हथियार संपन्न देश होने के नाते चीन शांतिपूर्ण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। परमाणु हथियारों के पहले इस्तेमाल ना करने की नीति और आत्मरक्षा पर केंद्रित परमाणु रणनीति का पालन करता है। बीजिंग अपने परमाणु परीक्षण स्थगन का पालन करता है।'
अमेरिका से संयम की अपीलचीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि बीजिंग अमेरिका से परमाणु परीक्षण पर स्थगन को बरकरार रखने का आह्वान करता है। चीन को उम्मीद है कि अमेरिका अंतर्राष्ट्रीय परमाणु निरस्त्रीकरण और अप्रसार व्यवस्था की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाएगा और वैश्विक रणनीतिक संतुलन और स्थिरता बनाए रखा जाएगा।
माओ ने आगे कहा कि चीन व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (सीटीबीटी) का समर्थन करता है और अमेरिका से उसी संधि के तहत अपने दायित्वों का पालन करने का आह्वान करता है। इससे पहले ट्रंप ने दावा किया था कि रूस, चीन, उत्तर कोरिया और पाकिस्तान सहित कई देश परमाणु परीक्षण कर रहे हैं। ऐसे में अमेरिका को अपना परीक्षण कार्यक्रम फिर से शुरू करना चाहिए।
ट्रंप ने कहा है कि रूस और चीन परीक्षण कर रहे हैं लेकिन वे इस बारे में बात नहीं करते। हम एक खुला समाज हैं। दूसरे देश परीक्षण कर रहे हैं। सिर्फ हम परीक्षण नहीं करते। हालांकि अब हम भी परीक्षण करेंगे। ट्रंप ने ये टिप्पणियां तब कीं, जब उनसे रूस के उन्नत परमाणु-सक्षम प्रणालियों के परीक्षणों के 30 वर्षों बाद परमाणु हथियारों का विस्फोट करने के फैसले के बारे में पूछा गया।
ट्रंप के आरोपों से संबंधित सवालों के जवाब में माओ ने कहा कि चीन ने परमाणु परीक्षण स्थगित करने की अपनी प्रतिबद्धता का पालन किया है। उन्होंने कहा, 'जिम्मेदार परमाणु हथियार संपन्न देश होने के नाते चीन शांतिपूर्ण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। परमाणु हथियारों के पहले इस्तेमाल ना करने की नीति और आत्मरक्षा पर केंद्रित परमाणु रणनीति का पालन करता है। बीजिंग अपने परमाणु परीक्षण स्थगन का पालन करता है।'
अमेरिका से संयम की अपीलचीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि बीजिंग अमेरिका से परमाणु परीक्षण पर स्थगन को बरकरार रखने का आह्वान करता है। चीन को उम्मीद है कि अमेरिका अंतर्राष्ट्रीय परमाणु निरस्त्रीकरण और अप्रसार व्यवस्था की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाएगा और वैश्विक रणनीतिक संतुलन और स्थिरता बनाए रखा जाएगा।
माओ ने आगे कहा कि चीन व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (सीटीबीटी) का समर्थन करता है और अमेरिका से उसी संधि के तहत अपने दायित्वों का पालन करने का आह्वान करता है। इससे पहले ट्रंप ने दावा किया था कि रूस, चीन, उत्तर कोरिया और पाकिस्तान सहित कई देश परमाणु परीक्षण कर रहे हैं। ऐसे में अमेरिका को अपना परीक्षण कार्यक्रम फिर से शुरू करना चाहिए।
ट्रंप ने कहा है कि रूस और चीन परीक्षण कर रहे हैं लेकिन वे इस बारे में बात नहीं करते। हम एक खुला समाज हैं। दूसरे देश परीक्षण कर रहे हैं। सिर्फ हम परीक्षण नहीं करते। हालांकि अब हम भी परीक्षण करेंगे। ट्रंप ने ये टिप्पणियां तब कीं, जब उनसे रूस के उन्नत परमाणु-सक्षम प्रणालियों के परीक्षणों के 30 वर्षों बाद परमाणु हथियारों का विस्फोट करने के फैसले के बारे में पूछा गया।
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