नई दिल्ली: इसरो के चेयरमैन वी. नारायणन ने रविवार को एक ऐसा एलान किया जिससे अमेरिका का घमंड तो टूटेगा ही साथ ही पाकिस्तान और चीन की भी बोलती बंद हो जाएगी। दरअसल, इसरो ने मार्च 2026 के अंत तक गंगायान कार्यक्रम के तहत अपने महत्वाकांक्षी पहले मानवरहित मिशन सहित 7 मिशनों को प्रक्षेपित करने का टारगेट रखा है। इसरो के चेयरमैन ने कहा कि गगनयान कार्यक्रम के तहत मानवयुक्त मिशन से पहले तीन मानवरहित मिशनों को प्रक्षेपित करने की योजना बनाई है और पहला मानवरहित प्रक्षेपण, 'जी1 मिशन', मार्च 2026 तक होने की उम्मीद है।
इसरो अगले 5 वर्षों में 50 रॉकेट लॉन्च करेगा
नारायणन सीएमएस-03 के सफल प्रक्षेपण के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने आगे कहा कि मार्च 2026 के अंत से पहले सात मिशनों की योजना बनाई गई है। उन्होंने कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस दृष्टिकोण के तहत की गई है कि इसरो अगले पांच वर्षों में 50 रॉकेट लॉन्च करेगा। उन्होंने आगे कहा कि रविवार के एलवीएम3-एम05 प्रक्षेपण के बाद, इसरो एक अन्य एलवीएम3 रॉकेट प्रक्षेपण करेगा, जो एक ग्राहक के लिए 'वाणिज्यिक संचार उपग्रह' ले जाएगा।
जीएसएलवी-एफ17 रॉकेट मिशन की भी योजना: इसरो
नारायणन ने कहा कि इसरो ने एक और प्रौद्योगिकी विकास मिशन, पीएसएलवी-एन1, की भी योजना बनाई है, जिसे चालू वित्त वर्ष के अंत से पहले प्रक्षेपित करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि कई विकास कार्य हो रहे हैं। हमने मार्च 2026 से पहले जीएसएलवी-एफ17 रॉकेट मिशन की भी योजना बनाई है।
इसरो ने रविवार को लॉन्च किया सबसे वजनी सैटेलाइट
बता दें कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रविवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से अपना सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट CMS-03 सफलतापूर्वक लॉन्च किया। यह लॉन्च स्वदेशी 'बाहुबली' रॉकेट LVM3-M5 की मदद से किया गया, जो भारत का अपनी धरती से लॉन्च किया गया सबसे भारी रॉकेट है। यह लगभग 4,400 किलोग्राम का उपग्रह शाम 5:26 बजे सतीश धवन अंतरिक्ष स्टेशन के दूसरे लॉन्च पैड से भेजा गया।
इसरो अगले 5 वर्षों में 50 रॉकेट लॉन्च करेगा
नारायणन सीएमएस-03 के सफल प्रक्षेपण के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने आगे कहा कि मार्च 2026 के अंत से पहले सात मिशनों की योजना बनाई गई है। उन्होंने कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस दृष्टिकोण के तहत की गई है कि इसरो अगले पांच वर्षों में 50 रॉकेट लॉन्च करेगा। उन्होंने आगे कहा कि रविवार के एलवीएम3-एम05 प्रक्षेपण के बाद, इसरो एक अन्य एलवीएम3 रॉकेट प्रक्षेपण करेगा, जो एक ग्राहक के लिए 'वाणिज्यिक संचार उपग्रह' ले जाएगा।
जीएसएलवी-एफ17 रॉकेट मिशन की भी योजना: इसरो
नारायणन ने कहा कि इसरो ने एक और प्रौद्योगिकी विकास मिशन, पीएसएलवी-एन1, की भी योजना बनाई है, जिसे चालू वित्त वर्ष के अंत से पहले प्रक्षेपित करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि कई विकास कार्य हो रहे हैं। हमने मार्च 2026 से पहले जीएसएलवी-एफ17 रॉकेट मिशन की भी योजना बनाई है।
इसरो ने रविवार को लॉन्च किया सबसे वजनी सैटेलाइट
बता दें कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रविवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से अपना सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट CMS-03 सफलतापूर्वक लॉन्च किया। यह लॉन्च स्वदेशी 'बाहुबली' रॉकेट LVM3-M5 की मदद से किया गया, जो भारत का अपनी धरती से लॉन्च किया गया सबसे भारी रॉकेट है। यह लगभग 4,400 किलोग्राम का उपग्रह शाम 5:26 बजे सतीश धवन अंतरिक्ष स्टेशन के दूसरे लॉन्च पैड से भेजा गया।
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