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पाकिस्तान को धूल चटाने के बाद राफेल की ताकत में होगा इजाफा, वायुसेना को मिल सकता है मेटियोर मिसाइलों का जखीरा

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नई दिल्ली: ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को धूल चटाने के बाद भारत लगातार अपनी हवाई ताकत में इजाफा कर रहा है। अब भारतीय वायुसेना अपने राफेल लड़ाकू विमानों के लिए बड़ी संख्या में हवा से हवा में मार करने वाली मेटियोर मिसाइलों को खरीदने की योजना पर काम कर रहा है। 1500 करोड़ के इस प्रस्ताव पर रक्षा मंत्रालय विचार कर रहा है, जल्द ही इसे मंजूरी मिलने की उम्मीद है।

रक्षा सूत्रों ने एएनआई को बताया कि यूरोपीय फर्म एमबीडीए द्वारा निर्मित इन मेटियोर बियॉन्ड-विजुअल-रेंज मिसाइलों की खरीद के लिए लगभग 1,500 करोड़ रुपये का प्रस्ताव पर रक्षा मंत्रालय में विचार चल रहा है। जल्द ही आयोजित होने वाली एक उच्च स्तरीय बैठक में इसे मंजूरी मिलने की संभावना है।

राफेल से दागी जा सकती है मिसाइलें
राफेल लड़ाकू विमान भारतीय वायु सेना का एकमात्र ऐसा बेड़ा है जो इन यूरोपीय लंबी दूरी की मिसाइलों को दाग सकता है। भारत ने पहले ही 36 राफेल विमानों के साथ मेटियोर मिसाइलों का ऑर्डर दिया था, जो 2016 में फ्रांस से खरीदे गए थे। नौसेना के लिए खरीदे जा रहे 26 राफेल विमानों में भी ये मिसाइलें शामिल होंगी।


हाल में ही भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी सैन्य और आतंकवादी ठिकानों को सफलतापूर्वक नष्ट किया था। आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में भारतीय लड़ाकू विमानों ने लंबी दूरी के हथियारों का इस्तेमाल किया था। वहीं पाकिस्तान ने चीन निर्मित लड़ाकू विमानों से भारत पर हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से हमला किया था लेकिन वह विफल साबित हुए।

चीन से हथियार खरीद रहा पाकिस्तान
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान वायु सेना ने भारतीय विमानों पर बड़ी संख्या में PL-15 हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें दागीं, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। पाकिस्तान पिछले कुछ सालों से चीन से बड़ी मात्रा में मिसाइलें खरीद रहा है।

BVR क्षमता से लैट होंगे भारत के लड़ाकू विमान
भारत अब अपने सभी लड़ाकू विमानों को मजबूत बियॉन्ड-विजुअल-रेंज (BVR) क्षमता से लैस करने की एक बड़ी योजना पर काम कर रहा है। इसके तहत, भारत करीब 700 एस्ट्रा मार्क 2 हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों को खरीदने की योजना बना रहा है, जिन्हें रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) विकसित करेगा।

ये मिसाइलें 200 किलोमीटर से अधिक दूरी तक लक्ष्य भेदने में सक्षम होंगी और इन्हें सुखोई-30 और एलसीए बेड़े में शामिल किया जाएगा। राफेल बेड़े को मेटियोर मिसाइलों से लैस किया जाएगा और भविष्य में उन्हें स्वदेशी एंटी-रेडिएशन मिसाइल भी मिल सकती है।
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