दीपक खोखर, रोहतक: महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी ( एमडीयू ) में सुपरवाइजर ने 4 महिला सफाई कर्मचारियों से पीरियड्स का सबूत मांग लिया। सुपरवाइजर ने इन कर्मचारियों के कपड़े उतरवाकर सैनिटरी पैड की फोटो भी खिंचवाकर दिखाने की बात कही। मामला बढ़ने पर एमडीयू प्रशासन ने सुपरवाइजर समेत 3 कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया। वहीं, इस मामले में पीजीआईएमएस पुलिस स्टेशन में 2 सुपरवाइजर समेत 3 कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
दरअसल 26 अक्टूबर को हरियाणा के राज्यपाल प्रो. असीम कुमार घोष एमडीयू के दौरे पर थे। इस दौरान सैनिटरी सुपरवाइजर विनोद कुमार देरी से आने पर 4 महिला सफाई कर्मचारियों पर भड़क उठा था। महिला कर्मियों ने देरी से आने का कारण पीरियड्स की समस्या बताई थी। इसके बाद सुपरवाइजर ने महिला कर्मचारियों से पीरियड्स का सबूत मांग लिया। इतना ही नहीं, उसने एक अन्य महिला कर्मी को बुलाकर सफाईकर्मी महिलाओं के कपड़े उतरवाकर सैनिटरी पैड चेक करवाए थे। इसके चलते काफी हंगामा हुआ था।
सुपरवाइजर विनोद कुमार और वितेंदर कुमार को सस्पेंड किया
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस मामले में सैनिटरी सुपरवाइजर विनोद कुमार और वितेंदर कुमार को सस्पेंड कर दिया तथा जांच कमेटी गठित कर दी। सफाई कर्मचारी आयोग हरियाणा के चेयरमैन कृष्ण कुमार ने मंगलवार को एमडीयू पहुंचकर इस मामले में स्थिति के बारे में तमाम जानकारी हासिल की थी। महिला कर्मचारियों ने बताया कि सुपरवाइजर ने कहा था कि ऊपर से आदेश है, उन्हें पीरियड्स का सबूत देना होगा। सुपरवाइजर ने एक अन्य महिला कर्मचारी को उनकी जांच करने के लिए भेजा। इसके बाद उस महिला ने सफाई कर्मियों की जांच की।
हरियाणा राज्य महिला आयोग को भेजे थे फोटो
सफाई कर्मचारियों ने घटना के फोटो-वीडियो हरियाणा राज्य महिला आयोग को भेजे थे। आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने एमडीयू के वीसी व रोहतक एसपी के नाम लेटर जारी कर 5 दिन के अंदर पूरे मामले की रिपोर्ट भेजने के लिए कहा है। आयोग ने पत्र में लिखा कि महिला सफाई कर्मचारियों के कपड़े उतरवाना गंभीर मामला है, इसे गंभीरता से लिया जाए। इस मामले में एक आरोपी सुपरवाइजर विनोद का कहना है कि उसका इस मामले से कोई लेना देना नहीं है। वह तो वहां कर्मचारियों से दूर बैठकर मोबाइल फोन पर बात कर रहा था। इस दौरान मोबाइल फोन पर बात करते हुए हंस दिया तो महिला कर्मचारियों ने इसका गलत मतलब निकाल लिया। अब कर्मचारियों ने उसका नाम क्यों लिया, यह तो वही बता सकती है। उसे इस मामले में फंसाया जा रहा है।
क्या बोले एमडीयू के वीसी
एमडीयू के वीसी प्रो. राजबीर सिंह ने कहा है कि यूनिवर्सिटी में जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी है। इस मामले में सख्त कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डा. कृष्णकांत का कहना है कि इस मामले में पुलिस को शिकायत दे दी गई है। वहीं, पीजीआईएमएस पुलिस स्टेशन के प्रभारी रोशन लाल का कहना है कि शिकायत के आधा पर सुपरवाइजर विनोद व वितेंदर तथा एक अन्य कर्मचारी सुंदर लाल के खिलाफ सैक्सुअल हैरेसमेंट का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
दरअसल 26 अक्टूबर को हरियाणा के राज्यपाल प्रो. असीम कुमार घोष एमडीयू के दौरे पर थे। इस दौरान सैनिटरी सुपरवाइजर विनोद कुमार देरी से आने पर 4 महिला सफाई कर्मचारियों पर भड़क उठा था। महिला कर्मियों ने देरी से आने का कारण पीरियड्स की समस्या बताई थी। इसके बाद सुपरवाइजर ने महिला कर्मचारियों से पीरियड्स का सबूत मांग लिया। इतना ही नहीं, उसने एक अन्य महिला कर्मी को बुलाकर सफाईकर्मी महिलाओं के कपड़े उतरवाकर सैनिटरी पैड चेक करवाए थे। इसके चलते काफी हंगामा हुआ था।
सुपरवाइजर विनोद कुमार और वितेंदर कुमार को सस्पेंड किया
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस मामले में सैनिटरी सुपरवाइजर विनोद कुमार और वितेंदर कुमार को सस्पेंड कर दिया तथा जांच कमेटी गठित कर दी। सफाई कर्मचारी आयोग हरियाणा के चेयरमैन कृष्ण कुमार ने मंगलवार को एमडीयू पहुंचकर इस मामले में स्थिति के बारे में तमाम जानकारी हासिल की थी। महिला कर्मचारियों ने बताया कि सुपरवाइजर ने कहा था कि ऊपर से आदेश है, उन्हें पीरियड्स का सबूत देना होगा। सुपरवाइजर ने एक अन्य महिला कर्मचारी को उनकी जांच करने के लिए भेजा। इसके बाद उस महिला ने सफाई कर्मियों की जांच की।
हरियाणा राज्य महिला आयोग को भेजे थे फोटो
सफाई कर्मचारियों ने घटना के फोटो-वीडियो हरियाणा राज्य महिला आयोग को भेजे थे। आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने एमडीयू के वीसी व रोहतक एसपी के नाम लेटर जारी कर 5 दिन के अंदर पूरे मामले की रिपोर्ट भेजने के लिए कहा है। आयोग ने पत्र में लिखा कि महिला सफाई कर्मचारियों के कपड़े उतरवाना गंभीर मामला है, इसे गंभीरता से लिया जाए। इस मामले में एक आरोपी सुपरवाइजर विनोद का कहना है कि उसका इस मामले से कोई लेना देना नहीं है। वह तो वहां कर्मचारियों से दूर बैठकर मोबाइल फोन पर बात कर रहा था। इस दौरान मोबाइल फोन पर बात करते हुए हंस दिया तो महिला कर्मचारियों ने इसका गलत मतलब निकाल लिया। अब कर्मचारियों ने उसका नाम क्यों लिया, यह तो वही बता सकती है। उसे इस मामले में फंसाया जा रहा है।
क्या बोले एमडीयू के वीसी
एमडीयू के वीसी प्रो. राजबीर सिंह ने कहा है कि यूनिवर्सिटी में जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी है। इस मामले में सख्त कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डा. कृष्णकांत का कहना है कि इस मामले में पुलिस को शिकायत दे दी गई है। वहीं, पीजीआईएमएस पुलिस स्टेशन के प्रभारी रोशन लाल का कहना है कि शिकायत के आधा पर सुपरवाइजर विनोद व वितेंदर तथा एक अन्य कर्मचारी सुंदर लाल के खिलाफ सैक्सुअल हैरेसमेंट का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
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