नई दिल्ली: इस साल 12 जून को हुए अहमदाबाद विमान हादसे के पीड़ितों के परिवारों को अब तक न्याय नहीं मिल पाया है। हादसे से जुड़े मुकदमे की प्रक्रिया अमेरिका में सरकारी शटडाउन के कारण अटक गई है। हादसे में जान गंवाने वाले 125 से ज्यादा पीड़ितों के परिवारों ने अमेरिकी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) से जांच व हादसे से जुड़ी अहम जानकारी मांगी थी, लेकिन सरकारी कामकाज ठप होने की वजह से अब तक कोई जवाब नहीं मिला है।
इन केसों का नेतृत्व कर रही अमेरिकी लॉ फर्म बेस्ली एलन के प्रिंसिपल अटॉर्नी माइकल एंड्रयूज ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन से कोई भी जवाब मिलने में देरी हो रही है। उन्होंने कहा, 'अमेरिकी सरकार के बंद होने के कारण, संघीय उड्डयन प्रशासन (FAA) की ओर से कोई भी प्रतिक्रिया आने में देरी हुई है।
FAA को फर्म ने लिखा था लेटर
अमेरिकी लॉ फर्म बेस्ली एलन ने 13 अगस्त को FAA को फ्रीडम ऑफ इंफॉर्मेशन एक्ट के तहत एक पत्र लिखा था। यह एक्ट अमेरिका में राइट टू इंफॉर्मेशन एक्ट जैसा ही है। फर्म ने कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर की रिकॉर्डिंग जैसी जानकारी मांगी थी ताकि वे मुकदमा दायर कर सकें।
बोइंग पर हो सकता है मुकदमा
एंड्रयूज ने बताया कि FAA के जवाब और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर से मिले डेटा के आधार पर, अगर जांच में जरूरत पड़ी तो बेस्ली एलन अमेरिकी अदालत में बोइंग पर मुकदमा दायर करने की योजना बना रही है। एंड्रयूज ने कहा था कि उनकी पहली प्राथमिकता पारदर्शिता और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) की जानकारी सार्वजनिक करवाना है।
इस साल 12 जून 2025 को बोइंग 787 अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भर रहा था। लेकिन टेकऑफ के कुछ मिनट के अंदर ही यह एक हॉस्टल पर क्रैश हो गया। हादसे में विमान में सवार 241 लोग और जमीन पर मौजूद 19 लोगों की मौत हो गई। एयर इंडिया की इस फ्लाइट में सिर्फ एक यात्री, ब्रिटिश नागरिक विश्वाश कुमार बच पाए थे।
इन केसों का नेतृत्व कर रही अमेरिकी लॉ फर्म बेस्ली एलन के प्रिंसिपल अटॉर्नी माइकल एंड्रयूज ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन से कोई भी जवाब मिलने में देरी हो रही है। उन्होंने कहा, 'अमेरिकी सरकार के बंद होने के कारण, संघीय उड्डयन प्रशासन (FAA) की ओर से कोई भी प्रतिक्रिया आने में देरी हुई है।
FAA को फर्म ने लिखा था लेटर
अमेरिकी लॉ फर्म बेस्ली एलन ने 13 अगस्त को FAA को फ्रीडम ऑफ इंफॉर्मेशन एक्ट के तहत एक पत्र लिखा था। यह एक्ट अमेरिका में राइट टू इंफॉर्मेशन एक्ट जैसा ही है। फर्म ने कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर की रिकॉर्डिंग जैसी जानकारी मांगी थी ताकि वे मुकदमा दायर कर सकें।
बोइंग पर हो सकता है मुकदमा
एंड्रयूज ने बताया कि FAA के जवाब और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर से मिले डेटा के आधार पर, अगर जांच में जरूरत पड़ी तो बेस्ली एलन अमेरिकी अदालत में बोइंग पर मुकदमा दायर करने की योजना बना रही है। एंड्रयूज ने कहा था कि उनकी पहली प्राथमिकता पारदर्शिता और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) की जानकारी सार्वजनिक करवाना है।
इस साल 12 जून 2025 को बोइंग 787 अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भर रहा था। लेकिन टेकऑफ के कुछ मिनट के अंदर ही यह एक हॉस्टल पर क्रैश हो गया। हादसे में विमान में सवार 241 लोग और जमीन पर मौजूद 19 लोगों की मौत हो गई। एयर इंडिया की इस फ्लाइट में सिर्फ एक यात्री, ब्रिटिश नागरिक विश्वाश कुमार बच पाए थे।
You may also like

Ek Deewane Ki Deewaniyat: बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन जारी

चूना खाने के अद्भुत स्वास्थ्य लाभ: 15 दिनों में 12 रोगों से छुटकारा

बेंगलुरु में चालान से बचने के लिए व्यक्ति ने पहना कढ़ाई, वीडियो हुआ वायरल

इंदौर में आधी रात 'ऑपरेशन क्लीन', राऊ में ज्वलनशील केमिकल और 40 हजार टायरों का अवैध भंडारण, 10 फैक्ट्रियों पर ताला

बिहार में अजगर की दहशत: 20 फीट लंबा अजगर पकड़ा गया




