चंडीगढ़ : इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च ( आईसीएसएसआर ) ने पटियाला की पंजाबी यूनिवर्सिटी की एक दृष्टिबाधित प्रोफेसर को एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट सौंपा है। शिक्षा मंत्रालय ने इस प्रोजेक्ट के लिए 15 लाख रुपये का अनुदान स्वीकृत किया है।
आईसीएसएसआर ने 40 प्रतिशत हिस्सा जारी किया
प्रोफेसर किरण पंजाब यूनिवर्सिटी की सोशल साइंस डिपार्टमेंट में एसिसटेंट प्रोफेसर हैं। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने आईसीएसएसआर के माध्यम से इस अनुदान का 40 प्रतिशत हिस्सा पहली किस्त के रूप में जारी कर दिया है। इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य पंजाब में दिव्यांग महिलाओं की पहचान बनाने और उसे स्थापित करने में मीडिया और संस्कृति के प्रभाव की स्टडी करना है।
पंजाब यूनिवर्सिटी में की पीएचडी
प्रोफेसर किरण पंजाबी यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर होने के साथ-साथ ‘दिव्यांगजन सशक्तिकरण केंद्र’ के डायरेक्टर के तौर पर भी अपनी सेवाएं दे रही हैं। सिर्फ 19 साल की उम्र में एक बीमारी के कारण अपनी पूरी दृष्टि खोने के बाद उन्हें अपनी बीएसी (नर्सिंग) की पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी थी। लेकिन उन्होंने जिंदगी से हार नहीं मानी। उन्होंने ब्रेल लिपि में इंग्लिश स्टेनोग्राफी सीखी और चंडीगढ़ के पंजाब यूनिवर्सिटी से अपनी ग्रेजुएशन पूरी की। जिसके बाद उन्होंने समाजशास्त्र में मास्टर्स की डिग्री हासिल की और यूनिवर्सिटी में दूसरा स्थान प्राप्त किया। उन्होंने यूजीसी-नेट की परीक्षा भी पास की और उसके बाद वह एसिसटेंट प्रोफेसर भी बनीं। इसके बाद उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से ही विजुअल इंपेयरमेंट पर विशेषज्ञता के साथ पीएचडी की।
दिव्यांग छात्रों के लिए विशेष केंद्र स्थापित कराया
प्रोफेसर किरण ने खुद पहल करके यूनिवर्सिटी परिसर में दिव्यांग छात्रों को सशक्त बनाने के लिए एक विशेष केंद्र स्थापित करवाया। साल 2018 में जब उन्हें पंजाब सरकार के दिव्यांगजन सलाहकार बोर्ड का सदस्य बनाया गया था तभी उन्होंने इस केंद्र की स्थापना का प्रस्ताव रखा था। साल 2018 में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिली और पंजाब यूनिवर्सिटी ने दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने के लिए इस केंद्र की स्थापना की।
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