साइबर ठग ों ने लोगों को ठगने के लिए नए-नए तरीके खोज लिए हैं। वे अब आम आदमी को डराकर उनसे पैसे वसूलने का काम कर रहे हैं। ठग खुद को साइबर पुलिस बताते हैं और लोगों को पोर्न देखने का आरोप लगाते हैं। इससे सामान्य लोग डर जाते हैं और समाज में उनकी बेइज्जती ना हो, इसके लिए ठगों के जाल में आसानी से फंस जाते हैं। इसकी चपटे में आकर लोग लाखों रुपये गंवा देते हैं। चलिए जान लेते हैं कि साइबर ठग कैसे लोगों को फंसा रहे हैं और इस ठगी से बचने के लिए आप क्या तरीका अपना सकते हैं?
एक लाख से ज्यादा रुपये ठगेइंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट बताती है कि रिषि (नाम बदला हुआ) उन लोगों में से एक है जिन्हें WhatsApp पर कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को पुलिसकर्मी बताया। ऋषि पर आरोप लगाया कि वह चाइल्ड पोर्न देखता है। इस जुर्म में गिरफ्तारी होगी। ऋषि ने बताया कि उससे कहा गया कि उसका इंटरनेट डेटा ट्रैक हो गया है। एक महीने में ऋषि से एक लाख रुपये से ज्यादा ले लिए गए। ठगों ने ऋषि से एक बैंक अकाउंट भी खुलवाया जो उसके फोन नंबर से जुड़ा था। कई लोगों को WhatsApp पर फर्जी नोटिस मिले जो असली लगते थे।
ऐसे होता है स्कैमसाइबर क्राइम जानकार अजय सिंह ने एक्सप्रेस को बताया कि यह स्कैम अचानक आई कॉल या WhatsApp से शुरू होता है। ठग कहते हैं कि वे साइबर पुलिस स्टेशन से हैं। वे नाम, माता-पिता का नाम जैसे निजी बातें जानते हैं, इसलिए कॉल असली लगती है। वे कहते हैं कि आप गंदी वेबसाइट पर गए हो और वहां कंटेंट देखा है, जिसके बाद केस दर्ज हो गया है। ठग कहते हैं कि जेल से बचने के लिए जुर्माना दो या एनओसी लो। कॉल में सायरन की आवाज भी बजाते हैं ताकि डर लगे।
असली पुलिस ऐसे नहीं भेजती नोटिसअजय सिंह ने साफ कहा कि भारत की कोई साइबर पुलिस WhatsApp से नोटिस नहीं भेजती या पैसे नहीं मांगती। असली केस में नोटिस घर पर आता है और कानून का रास्ता अपनाया जाता है। शक हो तो अपनी लोकल पुलिस या साइबर सेल से संपर्क करें।
ऐसी कॉल आए तो क्या करें
एक लाख से ज्यादा रुपये ठगेइंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट बताती है कि रिषि (नाम बदला हुआ) उन लोगों में से एक है जिन्हें WhatsApp पर कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को पुलिसकर्मी बताया। ऋषि पर आरोप लगाया कि वह चाइल्ड पोर्न देखता है। इस जुर्म में गिरफ्तारी होगी। ऋषि ने बताया कि उससे कहा गया कि उसका इंटरनेट डेटा ट्रैक हो गया है। एक महीने में ऋषि से एक लाख रुपये से ज्यादा ले लिए गए। ठगों ने ऋषि से एक बैंक अकाउंट भी खुलवाया जो उसके फोन नंबर से जुड़ा था। कई लोगों को WhatsApp पर फर्जी नोटिस मिले जो असली लगते थे।
ऐसे होता है स्कैमसाइबर क्राइम जानकार अजय सिंह ने एक्सप्रेस को बताया कि यह स्कैम अचानक आई कॉल या WhatsApp से शुरू होता है। ठग कहते हैं कि वे साइबर पुलिस स्टेशन से हैं। वे नाम, माता-पिता का नाम जैसे निजी बातें जानते हैं, इसलिए कॉल असली लगती है। वे कहते हैं कि आप गंदी वेबसाइट पर गए हो और वहां कंटेंट देखा है, जिसके बाद केस दर्ज हो गया है। ठग कहते हैं कि जेल से बचने के लिए जुर्माना दो या एनओसी लो। कॉल में सायरन की आवाज भी बजाते हैं ताकि डर लगे।
असली पुलिस ऐसे नहीं भेजती नोटिसअजय सिंह ने साफ कहा कि भारत की कोई साइबर पुलिस WhatsApp से नोटिस नहीं भेजती या पैसे नहीं मांगती। असली केस में नोटिस घर पर आता है और कानून का रास्ता अपनाया जाता है। शक हो तो अपनी लोकल पुलिस या साइबर सेल से संपर्क करें।
ऐसी कॉल आए तो क्या करें
- तुरंत कॉल काटें और नंबर ब्लॉक करें
- पैसे, कागजात या ओटीपी न दें
- कॉल लॉग, चैट, फर्जी नोटिस आदि का स्क्रीनशोट लें
- cybercrime.gov.in पर या 1930 शिकायत करें
- नंबर को संचार साथी पोर्टल पर रिपोर्ट करें
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