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हिमाचल के दो सगे भाईयों ने की थी एक ही युवती से शादी, अब उनके घर आई बहुत बड़ी खुशखबरी, कैसे किया सेलिब्रेट?

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शिमला: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में दो सगे भाईयों ने एक ही युवती से अनोखी शादी करके देशभर में सनसनी मचा दी थी। कुंहाट गांव की सुनीता चौहान ने दो सगे भाइयों प्रदीप नेगी और कपिल नेगी से एक साथ शादी की थी। अब इस कपल के घर एक नई खुशखबरी आई है। इस खुशखबरी को कपल ने अपने फेसबुक पेज पर साझा किया है। इस पर लोगों ने जमकर प्रतिक्रिया दी है और उन्हें बधाईयां दी हैं। दरअसल यह कपल जुलाई में तब सुर्खियों में आया था जब दोनों भाइयों ने आपसी सहमति से सुनीता से शादी की थी।

क्या है खुशखबरी?
खुशखबरी यह है कि इस कपल ने नई कार खरीदी है। बीते दिनों दोनों भाइयों में से एक भाई प्रदीप नेगी और उनकी पत्नी सुनीता चौहान टाटा के कार शोरूम पहुंचे और एक नई कार खरीदी है। उन्होंने कार शोरूम की तस्वीरें अपने फेसबुक पेज पर शेयर की हैं। तस्वीरों में दिख रही कार टाटा की 'टिएगो' लग रही है, हालांकि उन्होंने कार का नाम स्पष्ट रूप से नहीं बताया है। इस नई कार की खरीद को वे अपनी खुशी के तौर पर मना रहे हैं।

दूसरे भाई ने विदेश से शेयर किया वीडियो
कपिल नेगी ने वीडियो पोस्ट में कहा कि कुलिष्ट देवी-देवताओं और मां-पापा के आशीर्वाद से आज जीवन का एक और सपना साकार हुआ। नई गाड़ी के साथ नए सफर की शुभ शुरुआत हुई है। मुझे बहुत अच्छा फील हो रहा है। हालांकि पिताजी हमारे बीच नहीं हैं लेकिन हम सब उन्हें बहुत याद करते हैं। इस समय विदेश गए कपिल आगे बताते हैं कि बाहर रहते हुए मेरा एक ही लक्ष्य रहता है कि मैं परिवार को जितना अधिक खुश रख सकता हूं, उतना प्रयास करता हूं। शादी के बाद पत्नी के आने से हमारे घर में सब अच्छा हो रहा है। अब नई गाड़ी आने से हम सब बेहद खुश हैं। आप सभी दोस्तों का प्यार और आशीर्वाद हमारे ऊपर ऐसे ही बना रहे। यही कामना के साथ सबको नमस्कार।



कैसे सुर्खियां बनी थी हिमाचल की अनोखी शादी?
दरअसल हिमाचल के सिरमौर जिले के शिलाई गांव में जुलाई से यह शादी चर्चा में रही थी। इस शादी में दोनों सगे भाई प्रदीप नेगी और कपिल नेगी ने कुंहाट गांव की एक ही दुल्हन सुनीता चौहान से आपसी सहमति से शादी की थी। शादी के बाद दूल्हा प्रदीप ने इस प्रथा के बारे में बताते हुए कहा था कि यह कोई नया चलन नहीं है, जोड़ीदार प्रथा हमारे पूर्वजों से चली आ रही है और आगे भी चलती रहेगी। उन्होंने यह भी साफ किया था कि यह प्रथा सिर्फ सिरमौर तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उत्तराखंड के जौनसार-बावर जैसे इलाकों में भी सदियों से प्रचलित है। भाई कपिल ने भी इस बात पर जोर दिया था कि यह शादी उनकी और दुल्हन की आपसी सहमति से हुई थी और इसमें किसी भी तरह की कोई जबरदस्ती नहीं थी।

क्या है जोड़ीदार प्रथा?
दरअसल 'जोड़ीदार प्रथा' या 'जजदा प्रथा' एक प्राचीन सामाजिक परंपरा का बचा हुआ रूप है। इसे सरल भाषा में समझें तो यह बहुपतित्व का एक रूप है। इसमें एक महिला एक ही परिवार के भाइयों से शादी करती है। हालांकि, यह परंपरा अब केवल हट्टी समुदाय में ही सीमित और गुप्त रूप से जीवित है। कुछ दशक पहले तक यह प्रथा कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और कृषि पर निर्भर इलाकों में एक सामान्य सामाजिक व्यवस्था का हिस्सा थी। यह प्रथा उस समय की सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों के कारण अपनाई जाती थी, ताकि परिवार की संपत्ति और जमीन का बंटवारा न हो और परिवार एक साथ बना रहे।

प्रथा के बीच असली मकसद क्या?
इस प्रथा के पीछे कई सामाजिक और आर्थिक कारण रहे हैं। खासकर उन इलाकों में जहां जमीन कम होती थी और खेती ही मुख्य व्यवसाय था, वहां परिवार की संपत्ति को बचाने के लिए यह व्यवस्था अपनाई जाती थी। इसके अलावा यह महिलाओं को सुरक्षा और सहारा भी प्रदान करती थी। हालांकि आज के समय में यह प्रथा काफी असामान्य मानी जाती है और इसे लेकर अलग-अलग विचार हैं। फिर भी सिरमौर जैसे इलाकों में यह परंपरा आज भी किसी न किसी रूप में जीवित है। इस कपल की ओर से नई कार खरीदकर अपनी खुशी मनाना इस अनोखी शादी के बाद उनके जीवन में आए एक नए अध्याय का प्रतीक है।
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