नई दिल्ली, भारतीय सेना की जरूरतों को सबसे बेहतर वही समझ सकता है, जो खुद उसकी जमीनी हकीकत से गुजर रहा हो। सेना के मेजर राजप्रसाद इसी सोच को साकार कर रहे हैं। वे न सिर्फ चुनौतियों को पहचान रहे हैं, बल्कि उनके व्यवहारिक समाधान भी तैयार कर रहे हैं। अब तक उन्होंने 12 इनोवेशन किए हैं, जिनमें से चार इनोवेशन को भारतीय सेना ने शामिल भी कर लिया है। इनका उपयोग आज देश के अलग-अलग बॉर्डर इलाकों में हो रहा है। इन इनोवेशन की टेक्नॉलजी प्राइवेट फर्म को ट्रांसफर करके इसका उत्पादन कर सेना में इंडक्ट किया गया है।
कौन हैं मेजर राजप्रसाद
केरल के मूल निवासी मेजर राजप्रसाद ने त्रिची और चेन्नै से पढ़ाई की और एमटेक के बाद टेक्निकल ग्रैजुएट कोर्स के जरिए सेना में भर्ती हुए। उनकी कमिशनिंग 7 इंजीनियर रेजिमेंट में हुई। जहां उन्होंने अपने तकनीकी कौशल को जमीन पर उतारना शुरू किया।
कहां से हुई इनोवेशन की शुरुआत
मेजर राजप्रसाद का पहला इनोवेशन था, पोर्टेबल मल्टी टारगेट डिटोनेशन डिवाइस (WEDC) जो सेना में तीन साल पहले शामिल किया गया। यह एक माइक्रोप्रोसेसर आधारित डिवाइस है, जो वायर और वायरलेस दोनों तरीकों से विस्फोट कर सकती है। इसकी रेंज 2.5 किलोमीटर है, जो पुराने सिस्टम की तुलना में छह गुना अधिक है। इससे एक साथ कई लक्ष्यों को सुरक्षित और भरोसेमंद तरीके से उड़ाया जा सकता है।
क्या है विद्युत रक्षक, सेना कर रही जिसका इस्तेमाल
मेजर राजप्रसाद का दूसरा इनोवेशन जिसका सेना इस्तेमाल कर रही है, वह है विद्युत रक्षक। सेना में पावर जनरेटर की भूमिका बेहद अहम होती है, लेकिन इन्हें संभालने के लिए भारी मैनपावर की जरूरत होती है। इस चुनौती से निपटने के लिए मेजर राजप्रसाद ने विद्युत रक्षक नाम का एक सिस्टम बनाया। ये एक ही व्यक्ति को दूर से कई जनरेटर को मॉनिटर, कंट्रोल और प्रोटेक्ट करने की सुविधा देता है। यह सिस्टम जनरेटर को इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल फॉल्ट से बचाता है और क्रिटिकल सिस्टम की पावर क्वॉलिटी सुनिश्चित करता है।
एक साथ कई टारगेट को कर सकता है ध्वस्त
मेजर राजप्रसाद के इनोवेशन अग्निअस्त्र और एक्सप्लोडर को भी सेना इस्तेमाल कर रही है। अग्निअस्त्र का प्रदर्शन मार्च 2024 में भारत शक्ति एक्सरसाइज के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने भी किया जा चुका है। अग्निअस्त्र मल्टी टारगेट पोर्टेबल रिमोट डिटोनेशन सिस्टम है। ये एक साथ कई टारगेट पर फायर कर सकता है। इसकी रेंज 10 किलोमीटर है। इससे ड्रोन के जरिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। काउंटर इनसरजेंसी और काउंटर टेररिजम ऑपरेशन में ये काफी मददगार है।
दुश्मनों के ठिकानों को ध्वस्त करने में है सक्षम
एक्सप्लोडर अनमैन्ड ग्राउंड वीकल है, जिसे हर तरह के इलाके में लड़ाई, निगरानी और IED को निष्क्रिय करने जैसे मिशनों के लिए तैयार किया गया है। यह सिस्टम दुश्मन की निगरानी करने, विस्फोटक सामग्री पहुंचाने, IED को निष्क्रिय करने और दुश्मन के ठिकानों पर आत्मघाती हमले (कामेकाजी स्ट्राइक) करने में सक्षम है। यह मानवीय राहत अभियानों में भी उपयोगी है।
कौन हैं मेजर राजप्रसाद
केरल के मूल निवासी मेजर राजप्रसाद ने त्रिची और चेन्नै से पढ़ाई की और एमटेक के बाद टेक्निकल ग्रैजुएट कोर्स के जरिए सेना में भर्ती हुए। उनकी कमिशनिंग 7 इंजीनियर रेजिमेंट में हुई। जहां उन्होंने अपने तकनीकी कौशल को जमीन पर उतारना शुरू किया।
कहां से हुई इनोवेशन की शुरुआत
मेजर राजप्रसाद का पहला इनोवेशन था, पोर्टेबल मल्टी टारगेट डिटोनेशन डिवाइस (WEDC) जो सेना में तीन साल पहले शामिल किया गया। यह एक माइक्रोप्रोसेसर आधारित डिवाइस है, जो वायर और वायरलेस दोनों तरीकों से विस्फोट कर सकती है। इसकी रेंज 2.5 किलोमीटर है, जो पुराने सिस्टम की तुलना में छह गुना अधिक है। इससे एक साथ कई लक्ष्यों को सुरक्षित और भरोसेमंद तरीके से उड़ाया जा सकता है।
क्या है विद्युत रक्षक, सेना कर रही जिसका इस्तेमाल
मेजर राजप्रसाद का दूसरा इनोवेशन जिसका सेना इस्तेमाल कर रही है, वह है विद्युत रक्षक। सेना में पावर जनरेटर की भूमिका बेहद अहम होती है, लेकिन इन्हें संभालने के लिए भारी मैनपावर की जरूरत होती है। इस चुनौती से निपटने के लिए मेजर राजप्रसाद ने विद्युत रक्षक नाम का एक सिस्टम बनाया। ये एक ही व्यक्ति को दूर से कई जनरेटर को मॉनिटर, कंट्रोल और प्रोटेक्ट करने की सुविधा देता है। यह सिस्टम जनरेटर को इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल फॉल्ट से बचाता है और क्रिटिकल सिस्टम की पावर क्वॉलिटी सुनिश्चित करता है।
एक साथ कई टारगेट को कर सकता है ध्वस्त
मेजर राजप्रसाद के इनोवेशन अग्निअस्त्र और एक्सप्लोडर को भी सेना इस्तेमाल कर रही है। अग्निअस्त्र का प्रदर्शन मार्च 2024 में भारत शक्ति एक्सरसाइज के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने भी किया जा चुका है। अग्निअस्त्र मल्टी टारगेट पोर्टेबल रिमोट डिटोनेशन सिस्टम है। ये एक साथ कई टारगेट पर फायर कर सकता है। इसकी रेंज 10 किलोमीटर है। इससे ड्रोन के जरिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। काउंटर इनसरजेंसी और काउंटर टेररिजम ऑपरेशन में ये काफी मददगार है।
दुश्मनों के ठिकानों को ध्वस्त करने में है सक्षम
एक्सप्लोडर अनमैन्ड ग्राउंड वीकल है, जिसे हर तरह के इलाके में लड़ाई, निगरानी और IED को निष्क्रिय करने जैसे मिशनों के लिए तैयार किया गया है। यह सिस्टम दुश्मन की निगरानी करने, विस्फोटक सामग्री पहुंचाने, IED को निष्क्रिय करने और दुश्मन के ठिकानों पर आत्मघाती हमले (कामेकाजी स्ट्राइक) करने में सक्षम है। यह मानवीय राहत अभियानों में भी उपयोगी है।
You may also like
जानिए कैसे कच्चा केला शुगर करता है कंट्रोल के साथ इम्यून सिस्टम मजबूत, जाने अभी
गर्मी में आम खरीदते समय ध्यान रखें ये बातें
जानिए अनार खाने के फायदे के बारे में, आप अभी
Aaj Ka Panchang: ज्येष्ठ शुक्ल नवमी पर जानें आज का शुभ-अशुभ समय, राहुकाल, चंद्र नक्षत्र और पूजा के उत्तम योग
Aaj Ka Panchang 4 June: महेश नवमी के पावन अवसर पर बन रहा सिद्ध योग, जानें शुभ मुहूर्त, राहुकाल और पूजा का सही समय