जगदलपुर: नक्सल विरोधी अभियान को बड़ी सफलता मिली है। नक्सलियों के टॉप लीडर सोनू दादा उर्फ भूपति के सुरक्षाबलों को सामने सरेंडर का दावा किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि सोनू दादा ने महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में नक्सलियों के सामने अपने हथियार डाले हैं। छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके में इस नक्सली की लंबे समय से दहशत रही है। हाल ही में सोनू दादा का एक लेटर सामने आया था जिसमें उसने सरेंडर की बात कही थी। इस लेटर के सामने आने के बाद नक्सली संगठन में सनसनी फैल गई थी।
पोलित मेंबर था भूपति
नक्सली सोनू दादा उर्फ भूपति पोलित ब्यूरो मेंबर था। बताया जा रहा है कि उसके सिर पर करीब डेढ़ करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों के लगातार एक्शन से उसे एनकाउंटर का डर था। उसने संगठन के सदस्यों को लेटर लिखते हुए कहा था कि अब सरेंडर ही हमारे पास लास्ट विकल्प है।
क्या था नक्सली के लेटर में
दरअसल, कुख्यात नक्सली कमांडर सोनू दादा का हाल ही में अपने संगठन को लिखा एक लेटर सामने आया था। इस लेटर में उसने सरेंडर की बात लिखी थी। उसने अपने लेटर में लिखा था कि अब केवल सरेंडर ही एक बेहतर विकल्प है और अब समय आ गया है कि जनता के वास्तविक मुद्दों के लिए आवाज उठाई जाए। उसके इस लेटर के बाद संगठन में फूट पड़ गई थी। कुछ माओवादियों ने इस लेटर का विरोध किया तो कुछ ने कहा कि हम अपनी विचारधारा को नहीं छोड़ सकते हैं। सोनू कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) के सेंट्रल कमेटी के मेंबर है।
कौन है नक्सली सोनू दादा
सोनू दादा कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) सीपीआई के सेंट्रल कमेटी के सदस्य है। पार्टी महासचिव बसवराजू के एनकाउंटर के बाद उसे शीर्ष पद का सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा था। सोनू दादा के बारे में कहा जाता है कि सोनू एक तेलुगू ब्राह्मण है। उसने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की है। वह बीकॉम पास है। पहले उसने सरकार से सीजफायर की अपील भी की थी।
छत्तीसगढ़ में था खौफ
सोनू दादा उर्फ भूपति बस्तर में लंबे समय तक एक्टिव था। वह सुरक्षाबल के जवानों के खिलाफ कई बड़े ऑपरेशन में शामिल था। ऐसा कहा जाता है कि कभी बस्तर के इलाके में उसका खौफ रहता था। सोनू दादा के खौफ से ग्रामीणों में दहशत रहती थी। वह पांच राज्यों का मोस्ट वांटेड नक्सली था।
पोलित मेंबर था भूपति
नक्सली सोनू दादा उर्फ भूपति पोलित ब्यूरो मेंबर था। बताया जा रहा है कि उसके सिर पर करीब डेढ़ करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों के लगातार एक्शन से उसे एनकाउंटर का डर था। उसने संगठन के सदस्यों को लेटर लिखते हुए कहा था कि अब सरेंडर ही हमारे पास लास्ट विकल्प है।
क्या था नक्सली के लेटर में
दरअसल, कुख्यात नक्सली कमांडर सोनू दादा का हाल ही में अपने संगठन को लिखा एक लेटर सामने आया था। इस लेटर में उसने सरेंडर की बात लिखी थी। उसने अपने लेटर में लिखा था कि अब केवल सरेंडर ही एक बेहतर विकल्प है और अब समय आ गया है कि जनता के वास्तविक मुद्दों के लिए आवाज उठाई जाए। उसके इस लेटर के बाद संगठन में फूट पड़ गई थी। कुछ माओवादियों ने इस लेटर का विरोध किया तो कुछ ने कहा कि हम अपनी विचारधारा को नहीं छोड़ सकते हैं। सोनू कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) के सेंट्रल कमेटी के मेंबर है।
कौन है नक्सली सोनू दादा
सोनू दादा कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) सीपीआई के सेंट्रल कमेटी के सदस्य है। पार्टी महासचिव बसवराजू के एनकाउंटर के बाद उसे शीर्ष पद का सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा था। सोनू दादा के बारे में कहा जाता है कि सोनू एक तेलुगू ब्राह्मण है। उसने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की है। वह बीकॉम पास है। पहले उसने सरकार से सीजफायर की अपील भी की थी।
छत्तीसगढ़ में था खौफ
सोनू दादा उर्फ भूपति बस्तर में लंबे समय तक एक्टिव था। वह सुरक्षाबल के जवानों के खिलाफ कई बड़े ऑपरेशन में शामिल था। ऐसा कहा जाता है कि कभी बस्तर के इलाके में उसका खौफ रहता था। सोनू दादा के खौफ से ग्रामीणों में दहशत रहती थी। वह पांच राज्यों का मोस्ट वांटेड नक्सली था।
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