नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने लद्दाख के क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि जे अंगमो की संशोधित याचिका पर संज्ञान लेते हुए केंद्र और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख से 10 दिनों के अंदर जवाब दाखिल करने को कहा है। वांगचुक की पत्नी ने उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA)के तहत हिरासत में रखने के सरकार के फैसले को सर्वोच्च अदालत में चुनौती दी है।
'विरोध के अधिकार को दबाने की कोशिश'
बार एंड बेंच की एक रिपोर्ट के मुताबिक सोनम वांगचुक की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि उनके पति की हिरासत सार्वजनिक व्यवस्था या सुरक्षा की उचित चिंताओं पर आधारित नहीं है, बल्कि यह एक सम्मानित नागरिक के विरोध के अधिकार को दबाने की सोच समझकर की गई कोशिश है।
केंद्र और लद्दाख प्रशासन से मांगा जवाब
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच ने केंद्र और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को निर्देश दिया कि वे अपना जवाब 10 दिन में दाखिल करें। अदालत ने इस मामले की सुनवाई की तारीख 24 नवंबर तय कर दी है। अदालत ने अंगमो की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल को जरूरत पड़ने पर जवाब दाखिल करने की भी अनुमति दे दी।
'राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से कार्य'
अपनी याचिका में सोनम वांगचुक की पत्नी की ओर से यह भी दावा किया गया है कि उनके पति के बयानों को गलत संदर्भ में पेश करने के लिए कुछ 'आईटी सेल' ने जानबूझकर छोटे क्लिप का इस्तेमाल किए। याचिका में वांगचुक की गिरफ्तारी को अधूरे चुनावी वादे और नीतियों पर लोकतांत्रिक तरीके से सवाल उठाने के लिए 'राजनीतिक प्रतिशोध की भावना' से की गई कार्रवाई का भी दावा किया गया है।
राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) क्या है
15 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने वांगचुक की पत्नी की ओर से उनकी हिरासत के खिलाफ कुछ अतिरिक्त आधार देने के लिए संशोधित याचिका देने की मांग पर इसकी सुनवाई टाल दी थी। सोनम वांगचुक अभी राजस्थान के जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं। NSA के तहत सरकार 'भारत की सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने' वाले कार्य रोकने के लिए लोगों को हिरासत में रख सकती है। इस कानून के तहत 12 महीने तक कैद की अनुमति है, हालांकि इसे पहले भी खत्म किया जा सकता है।
वांगचुक पर लद्दाख हिंसा भड़काने का आरोप
लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और इस केंद्र शासित प्रदेश को संविधान की छठी अनुसूची में डालने की मांग को लेकर हुई लद्दाख हिंसा के दो दिन बाद वांगचुक को 26 सितंबर को NSA के तहत हिरासत में लिया गया था। इस हिंसा में 4 लोगों की जान चली गई और 90 लोग जख्मी हो गए। लद्दाख प्रशासन का आरोप है कि हिंसा भड़काने में सोनम वांकचुक का योगदान है।
'विरोध के अधिकार को दबाने की कोशिश'
बार एंड बेंच की एक रिपोर्ट के मुताबिक सोनम वांगचुक की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि उनके पति की हिरासत सार्वजनिक व्यवस्था या सुरक्षा की उचित चिंताओं पर आधारित नहीं है, बल्कि यह एक सम्मानित नागरिक के विरोध के अधिकार को दबाने की सोच समझकर की गई कोशिश है।
केंद्र और लद्दाख प्रशासन से मांगा जवाब
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच ने केंद्र और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को निर्देश दिया कि वे अपना जवाब 10 दिन में दाखिल करें। अदालत ने इस मामले की सुनवाई की तारीख 24 नवंबर तय कर दी है। अदालत ने अंगमो की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल को जरूरत पड़ने पर जवाब दाखिल करने की भी अनुमति दे दी।
'राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से कार्य'
अपनी याचिका में सोनम वांगचुक की पत्नी की ओर से यह भी दावा किया गया है कि उनके पति के बयानों को गलत संदर्भ में पेश करने के लिए कुछ 'आईटी सेल' ने जानबूझकर छोटे क्लिप का इस्तेमाल किए। याचिका में वांगचुक की गिरफ्तारी को अधूरे चुनावी वादे और नीतियों पर लोकतांत्रिक तरीके से सवाल उठाने के लिए 'राजनीतिक प्रतिशोध की भावना' से की गई कार्रवाई का भी दावा किया गया है।
राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) क्या है
15 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने वांगचुक की पत्नी की ओर से उनकी हिरासत के खिलाफ कुछ अतिरिक्त आधार देने के लिए संशोधित याचिका देने की मांग पर इसकी सुनवाई टाल दी थी। सोनम वांगचुक अभी राजस्थान के जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं। NSA के तहत सरकार 'भारत की सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने' वाले कार्य रोकने के लिए लोगों को हिरासत में रख सकती है। इस कानून के तहत 12 महीने तक कैद की अनुमति है, हालांकि इसे पहले भी खत्म किया जा सकता है।
वांगचुक पर लद्दाख हिंसा भड़काने का आरोप
लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और इस केंद्र शासित प्रदेश को संविधान की छठी अनुसूची में डालने की मांग को लेकर हुई लद्दाख हिंसा के दो दिन बाद वांगचुक को 26 सितंबर को NSA के तहत हिरासत में लिया गया था। इस हिंसा में 4 लोगों की जान चली गई और 90 लोग जख्मी हो गए। लद्दाख प्रशासन का आरोप है कि हिंसा भड़काने में सोनम वांकचुक का योगदान है।
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