पटना: बिहार में एक टीचर को नोटिस भेजा गया है। यह नोटिस बीजेपी (BJP) कार्यकर्ताओं के साथ हुई झड़प के बाद भेजा गया है। बीजेपी ने 4 सितंबर को बिहार में बंद बुलाया था। यह बंद पीएम नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत मां पर की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध में था। इस बंद के दौरान जहानाबाद में एक झड़प की एक घटना हुई थी।
जहानाबाद में बीजेपी कार्यकर्ताओं और एक महिला टीचर दीप्ति रानी के बीच झड़प हो गई थी। इसका वीडियो वायरल हो गया। इसके बाद शिक्षा विभाग ने दीप्ति रानी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह घटना जहानाबाद के अरवल मोड़ के पास हुई थी। बीजेपी समर्थक 4 सितंबर को बंद करा रहे थे। दीप्ति रानी सरकारी गर्ल्स इंटर स्कूल में टीचर हैं। वह स्कूल जा रही थीं, तभी उन्हें रोका गया।
पीएम मोदी के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल
बीजेपी कार्यकर्ताओं का आरोप है कि दीप्ति रानी ने पीएम मोदी के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। उन्होंने बंद का विरोध करने वालों का साथ दिया। वहीं, टीचर दीप्ति रानी ने इन आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने कहा, "मैं सिर्फ बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल जा रही थी। बंद समर्थकों ने मुझे बीच रास्ते में रोक लिया। मैं किसी भी पार्टी की समर्थक नहीं हूं। मैं सिर्फ स्कूल पहुंचना चाहती थी।"
बहस बढ़ने पर झगड़ा हो गया। पुलिस को बीच-बचाव करना पड़ा और उन्हें सुरक्षित स्कूल पहुंचाना पड़ा। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जहानाबाद के जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) सरस्वती कुमारी ने इस पर दीप्ति रानी को एक नोटिस भेजा। इसमें लिखा है कि उनका व्यवहार गैरजिम्मेदाराना, अनुशासनहीन और लोक सेवक आचरण नियम, 2005 के खिलाफ है।
एक दिन में स्पष्टीकरण देने का निर्देश
नोटिस में लिखा है, "आप एक टीचर जैसे महत्वपूर्ण पद पर काम कर रही हैं और आपत्तिजनक और आपने अभद्र भाषा का इस्तेमाल करके विभाग की छवि को खराब करने की कोशिश की है। आपको 24 घंटे के भीतर यह स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया जाता है कि आपके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए।" विभाग ने चेतावनी दी है कि अगर तय समय में जवाब नहीं मिला, तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
यह बंद मोहम्मद रिजवी उर्फ राजा (22) की गिरफ्तारी के बाद आयोजित किया गया था। उन्हें 27 अगस्त को दरभंगा में पीएम मोदी और उनकी दिवंगत मां को कथित तौर पर गाली देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। यह घटना इंडिया (INDIA) गठबंधन की वोटर अधिकार यात्रा के दौरान हुई थी। बीजेपी ने इस पर सख्त कार्रवाई की मांग की थी। विरोध प्रदर्शन के तौर पर 4 सितंबर को राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया गया था।
बीजेपी कार्यकर्ताओं ने टीचर पर विपक्ष का समर्थक होने का आरोप लगाया है। दीप्ति रानी ने इस आरोप को खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि उनकी एकमात्र चिंता अपने कार्यस्थल पर पहुंचना था। इस घटना के बाद कई सवाल उठ रहे हैं कि क्या शिक्षकों को राजनीतिक विरोध में भाग लेना चाहिए? क्या बंद के दौरान छात्रों को स्कूल जाने का अधिकार है? इन सवालों पर बहस जारी है।
(इनपुट आईएएनएस से)
जहानाबाद में बीजेपी कार्यकर्ताओं और एक महिला टीचर दीप्ति रानी के बीच झड़प हो गई थी। इसका वीडियो वायरल हो गया। इसके बाद शिक्षा विभाग ने दीप्ति रानी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह घटना जहानाबाद के अरवल मोड़ के पास हुई थी। बीजेपी समर्थक 4 सितंबर को बंद करा रहे थे। दीप्ति रानी सरकारी गर्ल्स इंटर स्कूल में टीचर हैं। वह स्कूल जा रही थीं, तभी उन्हें रोका गया।
पीएम मोदी के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल
बीजेपी कार्यकर्ताओं का आरोप है कि दीप्ति रानी ने पीएम मोदी के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। उन्होंने बंद का विरोध करने वालों का साथ दिया। वहीं, टीचर दीप्ति रानी ने इन आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने कहा, "मैं सिर्फ बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल जा रही थी। बंद समर्थकों ने मुझे बीच रास्ते में रोक लिया। मैं किसी भी पार्टी की समर्थक नहीं हूं। मैं सिर्फ स्कूल पहुंचना चाहती थी।"
बहस बढ़ने पर झगड़ा हो गया। पुलिस को बीच-बचाव करना पड़ा और उन्हें सुरक्षित स्कूल पहुंचाना पड़ा। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जहानाबाद के जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) सरस्वती कुमारी ने इस पर दीप्ति रानी को एक नोटिस भेजा। इसमें लिखा है कि उनका व्यवहार गैरजिम्मेदाराना, अनुशासनहीन और लोक सेवक आचरण नियम, 2005 के खिलाफ है।
एक दिन में स्पष्टीकरण देने का निर्देश
नोटिस में लिखा है, "आप एक टीचर जैसे महत्वपूर्ण पद पर काम कर रही हैं और आपत्तिजनक और आपने अभद्र भाषा का इस्तेमाल करके विभाग की छवि को खराब करने की कोशिश की है। आपको 24 घंटे के भीतर यह स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया जाता है कि आपके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए।" विभाग ने चेतावनी दी है कि अगर तय समय में जवाब नहीं मिला, तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
यह बंद मोहम्मद रिजवी उर्फ राजा (22) की गिरफ्तारी के बाद आयोजित किया गया था। उन्हें 27 अगस्त को दरभंगा में पीएम मोदी और उनकी दिवंगत मां को कथित तौर पर गाली देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। यह घटना इंडिया (INDIA) गठबंधन की वोटर अधिकार यात्रा के दौरान हुई थी। बीजेपी ने इस पर सख्त कार्रवाई की मांग की थी। विरोध प्रदर्शन के तौर पर 4 सितंबर को राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया गया था।
बीजेपी कार्यकर्ताओं ने टीचर पर विपक्ष का समर्थक होने का आरोप लगाया है। दीप्ति रानी ने इस आरोप को खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि उनकी एकमात्र चिंता अपने कार्यस्थल पर पहुंचना था। इस घटना के बाद कई सवाल उठ रहे हैं कि क्या शिक्षकों को राजनीतिक विरोध में भाग लेना चाहिए? क्या बंद के दौरान छात्रों को स्कूल जाने का अधिकार है? इन सवालों पर बहस जारी है।
(इनपुट आईएएनएस से)
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