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अक्षरा सिंह से पवन सिंह और रानी चटर्जी तक, भोजपुरी सितारों ने ऐसे मनाया छठ का महापर्व, देखिए तस्वीरें और वीडियो

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छठ महापर्व का त्योहार चार दिन पहले धूमधाम से शुरू हुआ था, जिसके लिए आम जनता से लेकर फिल्मी सितारों तक ने खूब तैयारियां कीं। भोजपुरी फिल्मों की स्टार अक्षरा सिंह और पवन सिंह ने भी छठ का महापर्व मनाया। अक्षरा हर साल छठी मैया का व्रत रखती हैं और पूरे विधि-विधान के साथ पूजा-पाठ करती हैं। इस बार भी ऐसा ही हुआ।

अक्षरा सिंह ने अपने हाथों ने सिर्फ छठी मैया का प्रसाद बनाया, बल्कि ठेकुआ भी। उन्होंने छठ पूजा की प्यारी तस्वीरें इंस्टाग्राम पर शेयर की हैं, जिन पर फैंस खूब प्यार लुटा रहे हैं। तस्वीरों में अक्षरा हाथ में छठ पूजा के प्रसाद से भरा छाछ लिए चूल्हे के आगे बैठी हैं। सिर पर साड़ी का पल्लू रखा है।


चौथे दिन दिया सूर्य देव को अर्घ्य, विधि-विधान से की पूजा
अक्षरा ने पहला अर्घ्य सूर्य देव को दिया और लिखा, 'पहला अर्घ्य सूर्य देव को, नई ऊर्जा और आशा के संग।' इससे पहले अक्षरा सिंह ने एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें वह साड़ी पहने घाट पर पूजा करती नजर आईं, और इसके बाद घाट पर स्नान भी किया। वीडियो और तस्वीरें देख फैंस फिदा हो गए और उनकी तारीफ की।


पवन सिंह ने पैतृक गांव में मनाई छठ, लिया मां गंगा का आशीर्वाद
वहीं, भोजपुरी सिनेमा के पावर स्टार पवन सिंह तैयार होकर छठ पूजा के लिए अपने पैतृक गांव जोकहरी पहुंचे। उन्होंने वहां सभी फैंस और गांववासियों से मुलाकात की। फिर मौजमपुर-महुली गंगा घाट पहुंचे और मां गंगा का आशीर्वाद लिया। पवन सिंह ने फिर गंगाजल अपने ऊपर छिड़का और लोक आस्था के इस छठ पर्व के प्रति अपनी श्रद्धा जाहिर की।


पवन सिंह, निरहुआ और आम्रपाली दुबे ने छठ पर रिलीज किए गीत
छठ के मौके पर पवन सिंह ने अपने दो नए गाने रिलीज किए थे, जो यूट्यूब पर छाए हुए हैं। वहीं, दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' और आम्रपाली दुबे ने छठ पूजा के मौके पर गाना रिलीज किया। यूट्यूब पर इसे अभी तक 3.9 मिलियन से ज्यादा बार देखा जा चुका है।



रानी चटर्जी ने भी मनाया छठ महापर्व
रानी चटर्जी ने भी पूरी आस्था और हर्षोल्लास के साथ छठ महापर्व मनाया और मंदिर के प्रांगण में बैठकर तस्वीरें शेयर कीं और सभी देशवासियों को शुभकामनाएं दीं।


छठ महापर्व में किस दिन क्या होता है?
छठ महापर्व की शुरुआत 25 अक्टूबर को नहाय खाय से हुई थी। मंगलवार, 28 अक्टूबर को इस महापर्व का आखिरी दिन था। इस दिन उगते सूरज को अर्घ्य दिया जाता है, जिसे 'ऊषा अर्घ्य' भी कहते हैं। इसी के साथ छठ का महापर्व संपन्न हो जाता है। छठ के लिए 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा जाता है।
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