लोग इस बात कर गौर करते ही नहीं कि सालों तक बर्तन को इस्तेमाल करने से सेहत को भी कोई नुकसान हो सकता है। आपको बता दें कि बर्तनों की उम्र उनकी चमक से तय नहीं होती है बल्कि उनकी सामग्री और इस्तेमाल करने के तरीके पर निर्भर करती है। ऐसे में 6 बर्तनों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें समय पर बदलना बहुत ही जरूरी होता है।
नॉन-स्टिक फ्राइंग पैन

नॉन-स्टिक फ्राइंग पैन आजकल हर किसी के घर में मौजूद है। लेकिन जब इसकी कोटिंग खरोंच जाती या उगरने लगती है तो खाने में मिल सकती है। जो सेहत के लिए किसी भी लिहाज से ठीक नहीं है। तो नॉन-स्टिक पैन पर खरोंच आने या कोटिंग निकलने पर तुरंत ही बदल दें। इसे बदलने का समय आप एक से 2 साल मान सकते हैं।
चाकू और पीलर
चाकू और पीलर दोनों ही रसोई के सबसे जरूरी औजारों में से हैं। लेकिन वक्त के साथ पीलर या चाकू की धार कम होने लगती है। ऐसे में दोनों क इस्तेमाल करने में जोखिम बढ़ जाता है। तो चाकू को 5 से 10 साल में और पीलर को 1 से 2 साल बदल देना चाहिए। आप चाहें तो धार कम होने पर भी बदल सकते हैं या धार तेज भी करा सकते हैं।
एल्यूमिनियम के बर्तन
ये सस्ते और हल्के होते हैं, इसलिए इनका इस्तेमाल बहुत ज्यादा होता है। लेकिन एल्यूमिनियम एक रिएक्टिव धातु है, जब इसमें खट्टी चीजें, जैसे टमाटर या नींबू का रस, पकाया जाता है, तो यह खाने में घुल सकता है। लंबे समय तक एल्यूमिनियम के बर्तनों का इस्तेमाल याददाश्त और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है। बेहतर होगा कि 5 से 6 साल में बदल दें या स्टेनलेस स्टील के बर्तनों का इस्तेमाल करें।
प्रेशर कुकर और गैस्केट
प्रेशर कुकर की सीटी और गैस्केट उसे सुरक्षित बनाती हैं। कुकर के ढक्कन पर लगी गैस्केट समय के साथ इलास्टिसिटी खो देती है। जब गैस्केट ढीली हो जाती है, तो प्रेशर कुकर ठीक से सील नहीं होता और खाना बनाने में ज्यादा समय लगता है। और सबसे बड़ा खतरा सुरक्षा का होता है। गैस्केट को हर 6 महीने से 1 साल में जरूर बदलें। और,कुकर को 5 से 8 साल में बदल सकते हैं।
सिलिकॉन स्पैटुला और प्लास्टिक बोर्ड
सिलिकॉन स्पैटुला और प्लास्टिक बोर्ड रसोई में उपयोगी होते हैं। लेकिन जब सिलिकॉन स्पैटुला अपनी चिकनाई खोने लगता है या उसमें दरारें आने लगती हैं, तो बैक्टीरिया जमा हो सकते हैं। इसी तरह, प्लास्टिक कटिंग बोर्ड पर जब ज्यादा निशान बन जाते हैं, तो उन दरारों में बैक्टीरिया पनपते हैं, जिन्हें धोना मुश्किल होता है। तो 2 से 4 साल में इन्हें बदल देना चाहिए।
स्पंज और स्क्रबर

बर्तन साफ करने वाला स्पंज या स्क्रबर सबसे ज्यादा अनदेखा होने वाला आइटम है। यह नम रहता है और इसमें खाने के कण चिपके रहते हैं, जिससे बैक्टीरिया और कीटाणु बढ़ने का खतरा रहता है। एक ही स्पंज को लंबे समय तक इस्तेमाल करने से कीटाणु बर्तनों पर और फिर खाने में जा सकते हैं। आपको हर 2-4 हफ्ते में स्पंज और स्क्रबर को बदल देना चाहिए।
डिस्क्लेमर: इस लेख में किए गए दावे इंटरनेट पर मिली जानकारी पर आधारित हैं। एनबीटी इसकी सत्यता और सटीकता जिम्मेदारी नहीं लेता है।
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