नई दिल्ली: पाकिस्तान और साउथ अफ्रीका के बीच दूसरे और आखिरी टेस्ट मैच के तीसरे दिन का खेल खत्म होने पर एक अजीबोगरीब घटना हुई। विकेटकीपर-बल्लेबाज मोहम्मद रिजवान ने गलती से अपने बल्ले से स्टंप की गिल्लियां गिरा दीं। इसके बाद साउथ अफ्रीका के खिलाड़ियों ने तुरंत हिट-विकेट आउट की अपील कर दी। हालांकि, अंपायरों ने अपील को अनदेखा कर दिया, जिससे साउथ अफ्रीकी खिलाड़ी काइल वेरिन काफी हैरान हुए।
क्या हुआ था?
यह घटना दिन की आखिरी गेंद पर हुई। जब स्पिनर केशव महाराज ने गेंद फेंकी, तो रिजवान ने उसे कवर की तरफ खेला। शॉट खेलने के तुरंत बाद, रिजवान ने अपना बल्ला घुमाया, जिससे स्टंप की गिल्लियां गिर गईं और वह सीधे पवेलियन की ओर चलने लगे। यह देखकर वेरिन ने तुरंत अपील की और उनके बाकी साथी भी उनके साथ शामिल हो गए। वेरिन ने ऑन-फील्ड अंपायर शरफुद्दौला से बात भी की, लेकिन अंपायर ने अपील पर ध्यान नहीं दिया। बाद में रीप्ले में पता चला कि जब रिजवान ने गिल्लियां गिराईं तब ऐसा लगा कि अंपायर ने गिल्लियां गिरने से पहले ही ओवर का इशारा कर दिया था, जिसके कारण रिजवान आउट होने से बच गए।
MCC का नियम क्या कहता है?
क्रिकेट के नियम बनाने वाली संस्था MCC के नियम 35.2 के अनुसार, कुछ स्थितियों में बल्लेबाज को हिट-विकेट आउट नहीं दिया जा सकता। अगर बल्लेबाज गेंद खेलने के बाद अपनी कोई भी कार्रवाई पूरी कर चुका हो (जैसे शॉट खेलना खत्म करना)। अगर वह दौड़ने की कोशिश नहीं कर रहा हो (सिवाय पहली रन के लिए तुरंत दौड़ने के)।
रिजवान को नॉट आउट क्यों दिया गया?
रिजवान ने गेंद को कवर की तरफ खेलने के बाद कोई रन लेने की कोशिश नहीं की और सीधे ड्रेसिंग रूम की तरफ चल दिए, तभी गिल्लियां गिर गईं। यह घटना शॉट खेलने की कार्रवाई पूरी होने के बाद हुई। नियम 35.2 के तहत, यदि बल्लेबाज गेंद खेल लेता है और उसके बाद स्टंप्स गिरते हैं, भले ही गेंद खेल में हो, तो भी बल्लेबाज को आउट नहीं दिया जाता। चूंकि रिजवान शॉट खेलने की प्रक्रिया पूरी कर चुके थे और रन लेने की कोई कोशिश नहीं कर रहे थे, इसलिए अंपायर का फैसला नियमों के अनुसार सही था और उन्हें नॉट आउट करार दिया गया। यह घटना क्रिकेट के मैदान पर नियमों की जटिलता को दिखाती है, जहां अंपायरों को नियम की बारीकियों को समझना होता है। रिजवान के मामले में अंपायर का फैसला नियम के हिसाब से था, भले ही साउथ अफ्रीकी टीम निराश हुई हो।
क्या हुआ था?
यह घटना दिन की आखिरी गेंद पर हुई। जब स्पिनर केशव महाराज ने गेंद फेंकी, तो रिजवान ने उसे कवर की तरफ खेला। शॉट खेलने के तुरंत बाद, रिजवान ने अपना बल्ला घुमाया, जिससे स्टंप की गिल्लियां गिर गईं और वह सीधे पवेलियन की ओर चलने लगे। यह देखकर वेरिन ने तुरंत अपील की और उनके बाकी साथी भी उनके साथ शामिल हो गए। वेरिन ने ऑन-फील्ड अंपायर शरफुद्दौला से बात भी की, लेकिन अंपायर ने अपील पर ध्यान नहीं दिया। बाद में रीप्ले में पता चला कि जब रिजवान ने गिल्लियां गिराईं तब ऐसा लगा कि अंपायर ने गिल्लियां गिरने से पहले ही ओवर का इशारा कर दिया था, जिसके कारण रिजवान आउट होने से बच गए।
MCC का नियम क्या कहता है?
क्रिकेट के नियम बनाने वाली संस्था MCC के नियम 35.2 के अनुसार, कुछ स्थितियों में बल्लेबाज को हिट-विकेट आउट नहीं दिया जा सकता। अगर बल्लेबाज गेंद खेलने के बाद अपनी कोई भी कार्रवाई पूरी कर चुका हो (जैसे शॉट खेलना खत्म करना)। अगर वह दौड़ने की कोशिश नहीं कर रहा हो (सिवाय पहली रन के लिए तुरंत दौड़ने के)।
रिजवान को नॉट आउट क्यों दिया गया?
रिजवान ने गेंद को कवर की तरफ खेलने के बाद कोई रन लेने की कोशिश नहीं की और सीधे ड्रेसिंग रूम की तरफ चल दिए, तभी गिल्लियां गिर गईं। यह घटना शॉट खेलने की कार्रवाई पूरी होने के बाद हुई। नियम 35.2 के तहत, यदि बल्लेबाज गेंद खेल लेता है और उसके बाद स्टंप्स गिरते हैं, भले ही गेंद खेल में हो, तो भी बल्लेबाज को आउट नहीं दिया जाता। चूंकि रिजवान शॉट खेलने की प्रक्रिया पूरी कर चुके थे और रन लेने की कोई कोशिश नहीं कर रहे थे, इसलिए अंपायर का फैसला नियमों के अनुसार सही था और उन्हें नॉट आउट करार दिया गया। यह घटना क्रिकेट के मैदान पर नियमों की जटिलता को दिखाती है, जहां अंपायरों को नियम की बारीकियों को समझना होता है। रिजवान के मामले में अंपायर का फैसला नियम के हिसाब से था, भले ही साउथ अफ्रीकी टीम निराश हुई हो।
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