राजस्थान में चौथी क्लास (चपरासी, सफाईकर्मी, दरोगा सहित अन्य ग्रुप D पदों) भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया में अभूतपूर्व रफ्तार देखी गई है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, इस भर्ती के लिए अब तक 24 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। यह संख्या राजस्थान के इतिहास में किसी भी भर्ती प्रक्रिया में अब तक रिकॉर्ड बनी है।
अधिकांश आवेदकों में युवा वर्ग के साथ-साथ उच्च शिक्षित उम्मीदवार भी शामिल हैं। खास बात यह है कि बीटेक, एमटेक और यहां तक कि पीएचडी डिग्रीधारी भी चपरासी जैसे चौथी क्लास के पदों के लिए आवेदन करने को तैयार हैं। इस बात से स्पष्ट होता है कि रोजगार की समस्या और सरकारी नौकरियों की महत्ता किस कदर बढ़ गई है।
राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) और संबंधित विभागों की ओर से भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी, जिससे राज्य के दूर-दराज इलाकों के युवाओं ने भी इस अवसर का भरपूर लाभ उठाया है।
शासन के अधिकारियों का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में आवेदन प्राप्त होना राजस्थान में बेरोजगारी की गंभीरता को दर्शाता है। इसके साथ ही यह भी स्पष्ट संकेत है कि सरकारी नौकरी की लोकप्रियता और स्थिरता युवाओं के लिए कितनी अहमियत रखती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, बीटेक, एमटेक और पीएचडी जैसे उच्च शिक्षित उम्मीदवारों का चपरासी पद के लिए आवेदन करना रोजगार की कमी के कारण मजबूरी को दर्शाता है। यह स्थिति प्रशासन के लिए भी चिंताजनक है, क्योंकि उच्च शिक्षित युवा अपने क्षेत्र में रोजगार पाने में असमर्थ होकर इस तरह के पदों के लिए आवेदन कर रहे हैं।
राजस्थान सरकार ने कहा है कि भर्ती प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी कर ली जाएगी और योग्य उम्मीदवारों को पदों पर नियुक्त किया जाएगा। सरकार का प्रयास है कि चयन प्रक्रिया निष्पक्ष हो और योग्य उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाए।
इस भर्ती प्रक्रिया के लिए ऑनलाइन परीक्षा और इंटरव्यू के जरिए उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा। ऐसे में आवेदनकर्ताओं की संख्या को देखते हुए चयन प्रक्रिया में तकनीकी सुविधाओं और संसाधनों का उचित प्रबंध किया जा रहा है।
राजस्थान के विभिन्न जिलों में इस भर्ती के प्रति युवा वर्ग में भारी उत्साह देखने को मिला है। कई अभ्यर्थी अपने परिवारों के साथ ऑनलाइन आवेदन कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर भी इस भर्ती को लेकर चर्चा जोरों पर है।
राज्य के शिक्षा एवं रोजगार विशेषज्ञों का मानना है कि इस विशाल संख्या में आवेदन आने से यह स्पष्ट होता है कि राजस्थान में युवाओं के लिए उद्योग और अन्य रोजगार के अवसर सीमित हैं। इसीलिए वे सरकारी नौकरी को ही अपनी पहली प्राथमिकता मानते हैं।
राजस्थान सरकार की यह भी योजना है कि भविष्य में रोजगार के और अवसर पैदा किए जाएं ताकि युवाओं को विविध क्षेत्रों में काम मिल सके और केवल सरकारी नौकरी पर निर्भरता कम हो।
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