रेल मंत्रालय ने अपने कर्मचारियों को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों द्वारा सैन्य रेलगाड़ियों की आवाजाही की जानकारी प्राप्त करने के प्रयास के प्रति आगाह किया है तथा कहा है कि गोपनीय जानकारी किसी भी अनधिकृत व्यक्ति के साथ साझा नहीं की जानी चाहिए।
पहलगाम हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले करने से एक दिन पहले छह मई को जारी अपने परामर्श में मंत्रालय ने कहा था कि ऐसी जानकारी का खुलासा करना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा होगा।
रेलवे बोर्ड की ओर से सभी रेलवे जोन के प्रधान मुख्य परिचालन प्रबंधकों को भेजे गए संदेश में कहा गया है, ‘‘पाकिस्तानी खुफिया जासूस रेलवे अधिकारियों को फोन कर सैन्य विशेष रेलगाड़ियों की आवाजाही के बारे में गोपनीय जानकारी मांग सकते हैं।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘रेलवे अधिकारियों द्वारा मिल रेल स्टाफ (रेलवे की सैन्य शाखा) के अलावा किसी भी अनधिकृत व्यक्ति को ऐसी जानकारी का खुलासा करना सुरक्षा का उल्लंघन माना जाएगा और यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा होगा।’’
मिल रेल भारतीय रेलवे की एक विशेष शाखा है जो रक्षा बलों को रसद सहायता प्रदान करती है।
इसमें कहा गया है, ‘‘इसलिए, यह वांछित है कि रेलवे अधिकारियों और कर्मचारियों को सैन्य विशेष रेलगाड़ियों की आवाजाही और मुद्दे की गंभीरता के बारे में जानकारी की महत्वपूर्ण प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनाने का निर्देश दिया जाये।’’
मंत्रालय ने वरिष्ठ अधिकारियों से सभी कर्मचारियों को निर्देश देने का आग्रह किया है कि “यदि कोई व्यक्ति सैन्य गतिविधि के बारे में जानकारी चाहता है, तो कोई भी जानकारी अनधिकृत व्यक्तियों को नहीं दी जानी चाहिए।’’
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