राजस्थान में जनता की शिकायतों के निस्तारण को लेकर हाल ही में हुई एक समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 17 जिलों के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। इस समीक्षा में सामने आया कि जयपुर, जोधपुर, बीकानेर समेत कई जिलों में मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर दर्ज एक साल से भी अधिक पुरानी शिकायतों का समाधान अब तक नहीं किया गया है। इस पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को सख्त लहजे में चेतावनी दी कि यदि जनता की समस्याओं का शीघ्र समाधान नहीं किया गया, तो कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
जनसुनवाई मामलों में गंभीरता की कमी
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में यह भी उजागर हुआ कि जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, कोटपूतली-बहरोड़, सीकर, चित्तौड़गढ़, नागौर और जैसलमेर जैसे जिलों में लंबित शिकायतों की संख्या सबसे अधिक है। साथ ही ब्यावर, सिरोही, डीडवाना-कुचामन, भीलवाड़ा, जालौर, खैरथल-तिजारा, श्रीगंगानगर, अलवर और चूरू जिलों में भी जनसुनवाई पोर्टल पर आने वाली शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने इन सभी जिलों को 'रेड जोन' में शामिल करते हुए उनकी विशेष निगरानी शुरू कर दी है।
संपर्क पोर्टल की स्थिति भी निराशाजनक
मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल के साथ-साथ ‘संपर्क पोर्टल’ पर भी नागरिकों द्वारा भेजी जा रही शिकायतों पर प्रशासन की कार्यवाही संतोषजनक नहीं पाई गई है। विशेष रूप से जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, झुंझुनूं, भरतपुर और ब्यावर जैसे जिलों के अधिकारी इन शिकायतों पर गंभीर रुख नहीं अपना रहे हैं। इसके अतिरिक्त सरकार ने बूंदी, करौली, दौसा, डीग, सवाईमाधोपुर, अजमेर, बाड़मेर और धौलपुर जिलों को भी संपर्क पोर्टल पर समय पर कार्यवाही न करने की वजह से रेड जोन में चिह्नित किया है।
मुख्यमंत्री के पास हर जिले की विस्तृत रिपोर्ट मौजूद
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि उनके पास प्रत्येक जिले की विस्तृत कार्यप्रणाली की रिपोर्ट उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि वे भलीभांति जानते हैं कि कौन अधिकारी अपने स्तर पर कितनी गंभीरता से काम कर रहा है। उन्होंने अधिकारियों को सख्त लहजे में आगाह किया कि अगर जिला स्तर पर ही समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो इसे सरकार गंभीरता से लेगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जिला कलेक्टर और एसडीएम को अपने-अपने स्तर पर जनसुनवाई करनी चाहिए और शिकायतों का वहीं पर तत्काल निस्तारण करना चाहिए, ताकि लोगों को अपनी शिकायतें लेकर राजधानी तक न जाना पड़े।
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