दिल्ली पुलिस वसंत कुंज नॉर्थ थाने में दर्ज एफआईआर के बाद से चर्चित बाबा स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबाव बना रही है। हालांकि अब तक उसे पकड़ने में सफलता नहीं मिली है। पुलिस की कई विशेष टीमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान में लगातार छापेमारी कर रही हैं, लेकिन आरोपी बाबा का कोई ठिकाना नहीं मिला। आशंका जताई जा रही है कि वह नाम और पहचान बदलकर देश से बाहर भागने की फिराक में था। इसी खतरे को देखते हुए पहले ही लुकआउट सर्कुलर जारी कर दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक उसकी अंतिम लोकेशन आगरा में दर्ज हुई थी।
छात्रावास में मिले गुप्त कैमरे
जांच आगे बढ़ने पर पुलिस जब बाबा के संस्थान और छात्रावास में पहुंची, तो वहां हैरान कर देने वाले सबूत हाथ लगे। सूत्र बताते हैं कि लड़कियों के हॉस्टल के बाथरूम और कमरों के बाहर गुप्त कैमरे लगाए गए थे। इन कैमरों को बाबा के मोबाइल से जोड़ा गया था, जिससे वह छात्राओं की हर गतिविधि पर नजर रखता था। पुलिस ने मौके से कैमरे और डीवीआर जब्त कर लिए हैं। वहीं, छात्राओं ने अपने बयान में बताया कि बाबा अक्सर बीएमडब्ल्यू जैसी लग्जरी कार से संस्थान में आता-जाता था। पुलिस ने उस कार को भी कब्जे में ले लिया है।
किराए के नाम पर जमाई दौलत
पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि चैतन्यानंद ने संस्थान के अंदर कई इमारतों का निर्माण कराया और उन्हें ऊंचे किराए पर देकर काले धन का जाल बुन रखा था। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि संस्थान की बिल्डिंग को लेकर किसी भी तरह का आधिकारिक दस्तावेज पुलिस को नहीं मिला। यहां तक कि मठ से जुड़े अधिकारियों को भी इस बात की जानकारी नहीं थी कि इमारतों को बाहरी लोगों को किराए पर दिया जा रहा है। साफ है कि पूरे खेल को बाबा ने गुप्त रूप से चलाया और इससे भारी रकम बटोरता रहा।
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