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शी चिनफिंग की दक्षिण-पूर्व एशिया यात्रा का परिचय

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बीजिंग, 21 अप्रैल . चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 14 से 18 अप्रैल तक वियतनाम, मलेशिया और कंबोडिया की राजकीय यात्रा की. यात्रा समाप्त होने के बाद चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने संबंधित जानकारी दी.

बताया जाता है कि शी चिनफिंग की वर्तमान यात्रा इस साल चीन के सर्वोच्च नेता की पहली विदेश यात्रा है. इस दौरान शी चिनफिंग ने करीब 30 कार्यक्रमों में भाग लिया और गहन रूप से चीन की विदेश नीति पर प्रकाश डाला.

देशी-विदेशी मीडिया संस्थाओं ने शी चिनफिंग की यात्रा पर कड़ी नजर रखी. रिपोर्टों में कहा गया है कि यात्रा से चीन और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के बीच संबंधों का नया मील का पत्थर स्थापित किया गया. चीन ने ईमानदारी से पड़ोसी देशों के साथ सहयोग करने की इच्छा जताई, बहुपक्षवाद व अंतर्राष्ट्रीय व्यापारिक नियम की रक्षा में मजबूत संकेत भेजा और अशांत अंतर्राष्ट्रीय स्थिति में जिम्मेदार प्रमुख देश के रूप में अपनी छवि दिखाई.

अब वैश्वीकरण ‘एशियाई क्षण’ में प्रवेश कर चुका है. दुनिया का गुरुत्व केंद्र एशिया की ओर स्थानांतरित हो रहा है. चीन महत्वपूर्ण इंजन है.

यात्रा के दौरान शी चिनफिंग ने कहा कि आर्थिक वैश्वीकरण से सभी देशों को लाभ मिलेगा. कोई भी देश बंद द्वीप में नहीं जा सकता. व्यापारिक युद्ध अंतर्राष्ट्रीय व्यापारिक प्रणाली कमजोर करता है, वैश्विक आर्थिक स्थिरता को नुकसान पहुंचाता है और सभी देशों, विशेषकर व्यापक विकासशील देशों के कानूनी हितों को क्षति पहुंचाता है.

‘वैश्विक दक्षिण’ देश होने के नाते चीन और पड़ोसी देशों को समन्वयक और सहयोग मजबूत करना होगा, ताकि एशिया की उज्ज्वल संभावना की रक्षा की जा सके.

शी चिनफिंग ने कहा कि चीन लगातार उच्च गुणवत्ता वाला विकास बढ़ाएगा, उच्च स्तरीय खुलेपन का विस्तार करेगा और विभिन्न देशों, विशेषकर पड़ोसी देशों के साथ विकास के अवसर साझा करेगा. चीन का दरवाजा और अधिक व्यापक रूप से खुलेगा.

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

एबीएम/

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