चेन्नई, 13 अप्रैल . हर साल मध्य अप्रैल में मनाए जाने वाले तमिल नववर्ष के अवसर पर तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दीं और तमिल इतिहास को समृद्ध व गौरवशाली बताया. उन्होंने इस पर्व को तमिल संस्कृति, विरासत और सामूहिक विकास के संकल्प का प्रतीक कहा.
राज्यपाल आरएन रवि ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने आधिकारिक हैंडल से शुभकामना संदेश जारी करते हुए लिखा, “तमिल नववर्ष के शुभ अवसर पर, मैं सभी को, विशेष रूप से दुनिया भर में बसे अपने तमिल भाइयों और बहनों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं. यह दिन हमारी गौरवशाली, प्राचीन और समृद्ध तमिल संस्कृति और विरासत, जीवंत वर्तमान और आशाजनक भविष्य का उत्सव है. नववर्ष सभी के लिए समृद्धि, अच्छा स्वास्थ्य, नई ऊर्जा और भरपूर अवसर लेकर आए.”
उन्होंने यह भी कहा कि यह पर्व “अमृतकाल में विकसित भारत 2047” के संकल्प को साकार करने के लिए एक विकसित तमिलनाडु की दिशा में प्रेरणा और ऊर्जा प्रदान करे.
बता दें कि तमिल नववर्ष, जिसे “पुथांडु” या “तमिल पुथांडु” भी कहा जाता है, तमिल समुदाय द्वारा पूरे उत्साह, श्रद्धा और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाता है. यह त्योहार तमिल पंचांग के पहले महीने ‘चिथिरई’ की पहली तारीख को मनाया जाता है, जो आमतौर पर 13 या 14 अप्रैल को पड़ता है. इस दिन से तमिल सौर नववर्ष की शुरुआत मानी जाती है, जब सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है.
उल्लेखनीय है कि इसी दिन भारत के अन्य हिस्सों में भी विभिन्न नामों से नववर्ष मनाया जाता है, जैसे पंजाब में बैसाखी, बंगाल में पोइला बोइशाख, असम में बोहाग बिहू और केरल में विशु. यह दिन विविध भारतीय संस्कृतियों में नव संकल्प और नई शुरुआत का प्रतीक होता है.
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पीएसएम/
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