हमीरपुर, 2 जून . हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को हमीरपुर के निकट राजकीय बहुतकनीकी संस्थान बड़ू के खेल मैदान में नवनियुक्त वन मित्रों के साथ संवाद समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश भर आए वन मित्रों की मार्च पास्ट की सलामी ली.
कार्यक्रम में प्रदेश भर में 2,061 वन बीट में प्रदेश सरकार के वन मित्रों ने शिरकत की. समारोह के दौरान मुख्यमंत्री ने राजीव गांधी वन संवर्धन योजना तथा मुख्यमंत्री ग्रीन एडॉप्शन योजना का शुभारंभ भी किया.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री सुक्खू ने वन मित्रों को शपथ भी दिलवाई और समारोह स्थल पर पहुंचने पर मुख्यमंत्री ने वन विभाग की ओर से लगाई गई विभिन्न प्रदर्शनियों का अवलोकन भी किया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार की योजना युवाओं को रोजगार देने की रही है और वन विभाग में 2,100 युवाओं को रोजगार प्रदान किया गया है, उन्हें अपने घर के नजदीक वन मित्रों के नियुक्ति पत्र दिए गए, जिसमें से 55 प्रतिशत बेटियों को रोजगार मिला है. बीट वाइज नियुक्ति करना प्रदेश में बहुत जरूरी था, जिसकी आज पासिंग आउट परेड हुई है.
इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रकृति ने देवभूमि हिमाचल को आस्था और संस्कृति के साथ-साथ अनेक उपहारों से नवाजा है. यहां की जैव-विविधता सभी के लिए वरदान है. प्रदेश की वन संपदा पर्यावरण संरक्षण, पर्यटन तथा अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान दे रही है. सरकार के गठन के साथ ही हमने हिमाचल को ‘ग्रीन स्टेट’ के रूप में स्थापित करने का संकल्प लिया है और उसी दिशा में निरंतर कार्य कर रहे हैं. प्रदेश को हरा-भरा बनाने के लिए हमारी सरकार ने राजीव गांधी वन संवर्धन योजना की शुरुआत की है. इस योजना के तहत, राज्य सरकार द्वारा महिला मंडलों, युवक मंडलों और स्वयं सहायता समूहों के साझा प्रयासों से बंजर भूमि पर फलदार पौधे लगाए जा रहे हैं और उन्हें रोजगार और आय के अवसर भी उपलब्ध करवाए जा रहे हैं.
प्रदेश में चयन आयोग के माध्यम से नई भर्तियों पर सीएम सुक्खू ने कहा कि 917 टीजीटी नॉन मेडिकल और आर्ट्स की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जिसके तहत पात्र अभ्यर्थी आवेदन कर रहे हैं और जल्द उन्हें रोजगार मुहैया करवाया जाएगा.
मुख्यमंत्री सुक्खू ने नेता प्रतिपक्ष को जवाब देते हुए कहा कि भाजपा की सरकार ने प्रदेश की संपदा को लुटा कर रख दिया था. जिस राज्य के पास आरडीजी 11 हजार करोड़ रुपए की आती थी, वह सिर्फ 3,200 करोड़ ही रह गई है, जिससे प्रदेश की वित्तीय स्थिति खराब हो गई है.
उन्होंने कहा कि जीएसटी के रूप में सभी जगहों पर चार से पांच हजार करोड़ रुपए आता था, वह महज 150 करोड़ रुपए रह गया है. कठिन परिस्थितियों के बावजूद प्रदेश की आर्थिकी को सुदृढ़ करने में हम जुटे हुए हैं और पिछले दो साल में तकरीबन ढाई से तीन हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हुआ है.
उन्होंने कहा कि पहले यह पैसा भ्रष्टाचार करके चोर रास्तों से लुटाया जाता था और जनता को फायदा नहीं मिलता था. लेकिन हमारी सरकार बनते ही 75 हजार करोड़ रुपए के कर्ज होने के बावजूद कांग्रेस सरकार ने काम करते हुए सभी समस्याओं को दूर करने का काम किया है.
इस मौके पर मुख्यमंत्री सुक्खू के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, सुजानपुर के विधायक कैप्टन रंजीत राणा, कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष कुलदीप पठानिया, जिला कांग्रेस निवर्तमान अध्यक्ष सुमन भारती, वन विभाग के प्रधान पीसीसीएफ वन विभाग समर रोस्टोगी, अतिरिक्त मुख्य सचिव वन के.के. पंत, पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ अमिताभ गौतम सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे.
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एकेएस/एकेजेै
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