New Delhi, 31 अगस्त . टेक्नोक्सियन वर्ल्डकप, दुनिया की सबसे बड़ी रोबोटिक्स चैम्पियनशिप है. टेक्नोलॉजी में लीडर और 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए भारत में इस तरह के आयोजन होना आवश्यक है. यह बयान आयोजक राज के शर्मा ने Sunday को दिया.
समाचार एजेंसी से बातचीत करते हुए राज के शर्मा ने बताया कि ऑल इंडिया काउंसिल फॉर रोबोटिक्स एंड ऑटोमेशन द्वारा वर्ल्ड रोबोटिक्स ऑर्गेनाइजेशन के साथ साझेदारी में आयोजित किए गए टेक्नोक्सियन वर्ल्डकप 9.0 का उद्देश्य भारत को ग्लोबल टेक स्पोर्ट्स हब के रूप में तैयार करना है. यहां भाग लेने वाला प्रत्येक देश घरेलू स्तर पर नेशनल चैंपियनशिप आयोजित करता है और वहां की सर्वश्रेष्ठ टीमों को भारत में प्रतिस्पर्धा के लिए भेजा जाता है. इसका उद्देश्य है कि दुनिया भारत की प्रतिभा को देखे, और भारतीय छात्र सीखें और ज्ञान का आदान-प्रदान हो.
जानकारी के मुताबिक, टेक्नोक्सियन वर्ल्डकप 9.0 को नोएडा स्टेडियम में आयोजित किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में 15 श्रेणियों में लगभग 60 देशों के प्रतिभागी शामिल होंगे, जिसका उद्देश्य भारतीय छात्रों को ग्लोबल से परिचित कराना और ग्लोबल टेक्नोलॉजी लीडर बनने के भारत के दृष्टिकोण को मजबूत करना है.
इसके अतिरिक्त, भारत हर क्षेत्र में टेक्नोलॉजी का तेजी से विकास हो रहा है. मार्केट इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म ट्रैक्सन द्वारा जारी ‘इंडिया मिलिट्री टेक रिपोर्ट 2025’ के अनुसार, इस सेक्टर के स्टार्टअप्स ने 2025 में अब तक 192.4 मिलियन डॉलर जुटाए हैं, जो वर्ष की शुरुआत से अब तक इस सेक्टर में आई फंडिंग का अब तक का सबसे बड़े आंकड़ा है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस सेक्टर ने 2016 से अब तक 211 फंडिंग राउंड में कुल 611 मिलियन डॉलर जुटाए हैं.
मिलिट्री टेक सेक्टर में फंडिंग डील की संख्या में भी तेज इजाफा दर्ज किया गया है. जहां 2016 में केवल 3 डील हुई थी. वहीं, 2023 में इस सेक्टर में 36 डील हुई थी और इस साल यह आंकड़ा 20 तक पहुंच गया है.
रिपोर्ट पर ट्रैक्सन की सह-संस्थापक नेहा सिंह ने कहा कि भारत का डिफेंस टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम इनोवेशन, नीति समर्थन और निवेशक भागीदारी से प्रेरित होकर एक “निर्णायक चरण” में प्रवेश कर रहा है.
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एबीएस/
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