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भारत में बिल्डिंग मटेरियल सेक्टर में 2 साल में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई

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नई दिल्ली, 8 अप्रैल . भारत में बिल्डिंग मटेरियल सेक्टर में पिछले दो सालों में 30 प्रतिशत की वृद्धि के साथ हायरिंग में तीव्र उछाल आया है, जो तेजी से बढ़ते शहरीकरण, इंफ्रास्ट्रक्चर विकास और औद्योगिक विस्तार के कारण दर्ज किया गया. यह जानकारी मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई.

सीआईईएल एचआर की रिपोर्ट के अनुसार, विभिन्न क्षेत्रों में पाइप और स्टील सबसे आगे हैं, जो घरेलू खपत और वैश्विक निर्यात में वृद्धि के कारण हायरिंग डिमांड में सबसे आगे हैं.

3डी प्रिंटिंग, एआई और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) जैसी उभरती टेक्नोलॉजी ने मैन्युफैक्चरिंग प्रक्रियाओं को नया आकार दिया है. वहीं, मटेरियल साइंस, सस्टेनेबिलिटी और एडवांस मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी में विशेष भूमिकाओं की मांग में वृद्धि जारी है.

कंपनियां सक्रिय रूप से ग्रीन सर्टिफिकेशन और लाइफसाइकल एनालिसिस में कुशल प्रतिभाओं की तलाश कर रही हैं, जो सस्टेनेबल और टेक्नोलॉजी-ड्रिवन ऑपरेशन्स की ओर बदलाव दिखाती हैं.

सीआईईएल एचआर सर्विसेज के प्रबंध निदेशक और सीईओ आदित्य नारायण मिश्रा ने कहा, “भारत का बिल्डिंग मटेरियल सेक्टर एक निर्णायक मोड़ पर है, जिसमें 5.5 लाख से अधिक पेशेवरों को रोजगार मिलते हुए भर्ती में उछाल देखा जा रहा है. जैसे-जैसे डिस्पोजेबल आय में वृद्धि होगी, हम निर्माण, शहरीकरण और रियल एस्टेट के क्षेत्रों में मजबूत वृद्धि की उम्मीद करते हैं.”

उन्होंने कहा कि इससे बिल्डिंग मटेरियल इंडस्ट्री को सीधे बढ़ावा मिलेगा, नए अवसर पैदा होंगे और दीर्घकालिक प्रगति होगी.

एल्युमीनियम, स्टील, पाइप, सीमेंट, ग्लास और दूसरे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में फैले इस क्षेत्र में कौशल की मांग में एक परिवर्तनकारी बदलाव हो रहा है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि अक्सर नियुक्त की जाने वाली भूमिकाओं में प्लांट मैनेजर, प्रोडक्शन मैनेजर, सप्लाई चेन मैनेजर, सेल्स मैनेजर, एनवायरमेंट एंड सस्टेनेबिलिटी स्पेशलिस्ट, डिजाइन इंजीनियर, आरएंडडी इंजीनियर, क्वालिटी कंट्रोल, स्ट्रक्चरल इंजीनियर और सेफ्टी इंजीनियर शामिल हैं.

अध्ययन में भौगोलिक भर्ती रुझानों पर भी प्रकाश डाला गया, जिसमें 81 प्रतिशत नौकरी पोस्टिंग टियर-1 शहरों में केंद्रित थी.

हैदराबाद 14 प्रतिशत, बेंगलुरु 13 प्रतिशत, दिल्ली-एनसीआर 12 प्रतिशत, चेन्नई 8 प्रतिशत, अहमदाबाद 7 प्रतिशत और पुणे 7 प्रतिशत भागीदारी के साथ प्रमुख रोजगार केंद्र बनकर उभरे हैं, जो इन क्षेत्रों में उच्च निर्माण और इंफ्रास्ट्रक्चर एक्टिविटी को दर्शाता है.

रिपोर्ट में कहा गया है, “स्मार्ट शहरों, हरित निर्माण और औद्योगिक विस्तार पर भारत के निरंतर ध्यान के साथ, इन महानगरों के प्राथमिक रोजगार गंतव्य बने रहने की उम्मीद है.”

एसकेटी/एबीएम

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