Lucknow, 26 अक्टूबर . संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) जल्द ही फैटी लिवर और मोटापे से पीड़ित मरीजों के लिए एक समर्पित ‘फैटी लिवर और मोटापा क्लिनिक’ शुरू करने जा रहा है. संस्थान के हेपेटोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अमित गोयल ने कहा कि यह क्लिनिक प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे फैटी लिवर और मोटापे के मामलों के बेहतर प्रबंधन की दिशा में एक अहम पहल होगी.
एसजीपीजीआई के हेपेटोलॉजी विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय 25वें ‘लिवर रोगों में वर्तमान परिप्रेक्ष्य (सीपीएलडी-2025)’ सम्मेलन के आखिरी दिन Sunday को हेपेटोलॉजी के विभिन्न विषयों पर व्याख्यान, वाद-विवाद और पैनल चर्चा हुई. चूंकि हमारे देश में नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर रोग (एनएएफएलडी) का बोझ तेजी से बढ़ रहा है, इसलिए सम्मेलन का पहला दिन पूरी तरह से मोटापा और फैटी लिवर रोगों पर प्रस्तुतियों और चर्चा के लिए समर्पित था.
एनएचएम के अंतर्गत एनएएफएलडी कार्यक्रम की प्रभारी डॉ. अलका शर्मा ने राज्य में एनएएफएलडी के प्रशिक्षण और भार आकलन के लिए किए जा रहे प्रयासों की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया. इस सम्मेलन में एनएचएम के अंतर्गत कार्यरत और राजधानी के नजदीक जिलों में तैनात 40 से अधिक चिकित्सकों ने भाग लिया.
सम्मेलन के आखिरी दिन, शराब से संबंधित लिवर रोगों, लिवर सिरोसिस की जटिलताओं और उनके प्रबंधन से संबंधित विषयों पर चर्चा हुई. सम्मेलन में एनएचएम और ईएसआई कार्पोरेशन के चिकित्सकों और देशभर और राज्य के एमडी और डीएम-डीएनबी छात्रों सहित लगभग 400 प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
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विकेटी/डीकेपी
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