नई दिल्ली, 22 मई . वित्त वर्ष 2024-25 में कॉरपोरेट इन्वेस्टमेंट में स्थिर वृद्धि देखी गई है और मुख्य इन्फ्रास्ट्रक्चर इंडस्ट्रीज ने वृद्धि बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभाई है. यह जानकारी बैंक ऑफ बड़ौदा इकोनॉमिक रिसर्च डिपार्टमेंट की रिपोर्ट में दी गई.
रिपोर्ट को 122 इंडस्ट्रीज की 1,393 कंपनियों के आंकड़ों के आधार पर तैयार किया गया है, जिसमें बताया गया कि पूंजीगत कार्य सहित सकल अचल संपत्ति वित्त वर्ष 25 में 7.6 प्रतिशत बढ़कर 28.50 लाख करोड़ रुपए हो गई, जबकि वित्त वर्ष 24 में यह 26.49 लाख करोड़ रुपए थी.
31 प्रतिशत के साथ रिफाइनरियों की अचल संपत्तियों में सबसे बड़ी हिस्सेदारी थी, जिसके बाद दूरसंचार सेवाओं की हिस्सेदारी 8.6 प्रतिशत, लोहा और इस्पात उत्पादों की हिस्सेदारी 5.9 प्रतिशत, सीमेंट की हिस्सेदारी 5.4 प्रतिशत और बिजली की हिस्सेदारी 4.8 प्रतिशत थी.
इन पांच क्षेत्रों की कुल अचल संपत्तियों में 56 प्रतिशत की हिस्सेदारी है. इसके अतिरिक्त पब्लिक सेक्टर बैंक, प्राइवेट सेक्टर बैंक, केमिकल, इंडस्ट्रियल गैस और अलौह धातु की कुल अचल संपत्तियों में हिस्सेदारी 14.5 प्रतिशत है.
वहीं, पैसेंजर कार, एफएमसीजी, फार्मा, आईटी सॉफ्टवेयर और स्पंज आयरन कंपनियों की हिस्सेदारी कुल अचल संपत्तियों में 10.4 प्रतिशत है.
रिपोर्ट में कहा गया, “देश में निवेश को बढ़ावा देने वाले अधिकांश अग्रणी क्षेत्र इन्फ्रास्ट्रक्चर सेगमेंट से हैं और इनमें मजबूत वृद्धि दर दर्ज की गई है.”
रिपोर्ट में अनुसार, खपत में सुधार होने के कारण उपभोक्ता केंद्रित उद्योगों में आने वाले वर्ष (वित्त वर्ष 26) में अधिक गति दिखाई देगी.
रिपोर्ट के अनुसार, सीमेंट, पैसेंजर कार, बैंक, दवा और फार्मा, स्टील, स्पंज आयरन और रिफाइनरियों जैसे क्षेत्रों की अचल संपत्तियों में वृद्धि को औसत से अधिक रही है.
रिपोर्ट में कहा गया,“सीमेंट और स्टील से सरकारी पूंजीगत व्यय के साथ जुड़ा हुआ था, जहां बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए नई क्षमताएं स्थापित की गईं. दवाएं और फार्मास्यूटिकल्स में घरेलू और निर्यात दोनों मांगों को पूरा करने के लिए नई क्षमताएं स्थापित की जा रही हैं.”
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एबीएस/
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