उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर बनी एक नई बायोपिक फ़िल्म रिलीज़ होते ही विवादों में घिर गई है। इस फ़िल्म को लेकर न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी विरोध शुरू हो गया है।
फ़िल्म के रिलीज़ के कुछ ही घंटों बाद खाड़ी देशों क़तर और सऊदी अरब ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया है। इन देशों के सरकारी प्रवक्ताओं का कहना है कि फ़िल्म की विषयवस्तु और इसके कुछ दृश्य धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा सकते हैं।
भारत में भी विरोध की लहर तेज़ हो गई है। कुछ धार्मिक संगठनों और मुस्लिम उलेमाओं ने फ़िल्म के ख़िलाफ़ नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए एक फतवा जारी किया है। उनका आरोप है कि फ़िल्म में कुछ हिस्से इस्लाम और मुस्लिम समुदाय के विरुद्ध माहौल बनाने की कोशिश करते हैं।
हालांकि, फ़िल्म के निर्माता-निर्देशक ने इन आरोपों को खारिज किया है और कहा है कि यह फ़िल्म योगी आदित्यनाथ के जीवन, संघर्ष और विचारधारा पर आधारित है और इसका उद्देश्य किसी भी धर्म या समुदाय की भावना को आहत करना नहीं है।
इस विवाद के बाद सेंसर बोर्ड पर भी सवाल उठने लगे हैं कि कैसे ऐसी फ़िल्म को बिना किसी कट के रिलीज़ की अनुमति दी गई। वहीं सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर तीखी बहस छिड़ गई है। कुछ लोग फ़िल्म को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हिस्सा बता रहे हैं, तो वहीं कई इसे समाज में नफ़रत फैलाने वाला कदम मान रहे हैं।
सरकार की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
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