पुणे के ऐतिहासिक और संरक्षित स्थल शनिवारवाड़ा में दिवाली के दिन कुछ मुस्लिम महिलाओं द्वारा सामूहिक नमाज़ अदा किए जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विवाद खड़ा हो गया है।
शनिवारवाड़ा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के संरक्षण में आने वाला एक राष्ट्रीय धरोहर स्थल है, जहां किसी भी प्रकार की धार्मिक या सामूहिक गतिविधि के लिए पूर्व अनुमति आवश्यक होती है।
स्थानीय संगठनों ने जताया विरोध
वीडियो सामने आने के बाद स्थानीय नागरिकों और हिंदुत्वनिष्ठ संगठनों ने इस घटना का कड़ा विरोध किया है। उनका कहना है कि शनिवारवाड़ा एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर है, न कि किसी धर्म विशेष का उपासना स्थल।
संगठनों ने इसे “सोची-समझी साज़िश” करार देते हुए प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
विरोध कर रहे लोगों का यह भी कहना है कि दिवाली जैसे पवित्र पर्व के दिन इस प्रकार की धार्मिक गतिविधि से सांप्रदायिक सौहार्द को ठेस पहुंच सकती है। संगठनों ने प्रशासन से स्पष्ट दिशा-निर्देश और सख़्त नियम लागू करने की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
मामले पर अब तक स्थानीय प्रशासन या पुरातत्व विभाग की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। हालांकि, सूत्रों के अनुसार, इस पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है और यह देखा जा रहा है कि क्या नमाज़ पढ़ने की अनुमति ली गई थी या नहीं।
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