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BJP नेता के बेटे ने बनाई मौत की झूठी स्क्रिप्ट, कार को नदी में गिराया, फिर 7 दिन तक… कैसे सामने आया पूरा सच?

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चुप चुपके फिल्म तो आपने देखी ही होगी. इसमें एक्टर शाहिद कपूर कर्जदारों से बचने के लिए समंदर में छलांग लगा देते हैं. लोग उन्हें मरा समझ भी लेते हैं. मगर असल में वो जिंदा होते हैं. इसी तरह का मिलता जुलता एक मामला मध्य प्रदेश के राजगढ़ (Rajgarh) से सामने आया है. यहां एक शख्स ने कर्जदारों (Debtors) से बचने के लिए खुद को मृत बताने का प्लान बनाया. फिर अपनी कार को कालीसिंग नदी के पुल में गिरा दिया, ताकि लोगों को लगे कि उसकी मौत हो गई है. मगर शख्स का भंडाफोड़ हो गया.

यह शख्स बीजेपी नेता का बेटा है. एक करोड़ के कर्ज में डूबे भाजपा नेता के बेटे ने कर्जदारों से बचने की खातिर खुद को मृत बताने की कोशिश की. और अपनी कार को कालीसिंध नदी के पुल से नदी में गिराई. एक सप्ताह तक एसडीआरएफ की चार टीमों ने नदी के तीस किलोमीटर तक किया तलाश. पर उसने तो साजिश रची थी. इसलिए लाश मिलती भी कैसे. आखिरकार पुलिस ने सारे मामले का पर्दाफाश कर ही डाला.

जानकारी के मुताबिक, 5 सितंबर के दिन पुलिस को सारंगपुर की कालीसिंध नदी के पुल से एक कार गिरने की सूचना मिली. पुलिस मौके पर पहुंची. कार मालिक की पहचान जिले के सडावता निवासी भाजपा नेता व जनपद सदस्य महेश सोनी के बेटे विशाल सोनी के रूप में हुई. जानकारी लेने पर पुलिस को पता चला कि भाजपा नेता का बेटा विशाल सोनी किसी काम से रात को सारंगपुर आया था. सुबह तक जब वह वापिस नहीं लौटा तो परिवार परेशान हो गया.

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प्रदेश के कौशल एवं तकनीकी राज्यमंत्री गौतम टेटवाल मौके पर पर पहुंचे. गम के माहौल में उन्होंने रोते पिता को उनके बेटे को नदी से जल्द तलाश करवाने का आश्वासन दिलवाया. इसके बाद नगरपालिका से लेकर एसडीआरएफ की टीमों द्वारा तलाश शुरू की गई. एक सप्ताह तक नदी में तीस किलोमीटर के दायरे तक तलाश की गई. लेकिन कार में सवार विशाल सोनी नहीं मिला.

आखिर पुलिस को परिवार वालों की दिनचर्या और उनके द्वारा दिए गए बयानों में कुछ शक सा हुआ. पुलिस ने नदी में लालिस ने पुल के पासश की तलाश को बंद करवाया. फिर दूसरे तरीके से जांच शुरू की. पुके सीसीटीवी फुटेज खंगाले. विशाल और उसके पिता की सीडीआर रिपोर्ट खंगाली. तब पता चला कि विशाल पर 1 करोड़ रुपये का लोन था. उसने इन रुपयों से एक मकान लिया हुआ था.

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परिवार पर हुआ पुलिस को शक

पुलिस ने फिर पिता, पत्नी और दोनों भाइयों को शक के दायरे में लेकर गहन पूछताछ की. इस बीच परिजनों ने कहा कि हमें दो दिन का समय दो. हम पता करते हैं कि कहीं विशाल रिश्तेदारों के पास तो नहीं चला गया. हम उसे तलाश लेंगे. इससे पुलिस का शक और ज्यादा तेज हो गया. इसके बाद विशाल खुद को महाराष्ट्र के फरदापुर जिला संभाजीनगर पुलिस थाने में अपहरण पीड़ित बताकर पेश हुआ.

विशाल ने सुनाई मनगढ़ंत कहानी

महाराष्ट्र पुलिस ने फिर सारंगपुर पुलिस को सूचना दी. विशाल ने महाराष्ट्र पुलिस को मनगढ़ंत कहानी बताई थी. कहा था कि किसी ने उसका अपहरण करके जंगल में रखा था. मगर जल्द ही विशाल की पोल खुल गई. फिर उसने बताया- मैंने कर्जदारों से मुक्ति माने के लिए ये सब नाटक किया. ताकि कुछ महीने सुकून से रह सकूं. सारंगपुर के SDOP अरविंद सिंह ने बताया- फिलहाल पुलिस ने विशाल को परिजनों को सौंप दिया है. मगर मामले में जांच अभी जारी है.

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