उत्तराखंड के हल्द्वानी से सनसनीखेज वारदात सामने आई है. यहां 24 साल के एक युवक ने पिता के सामने ही चाकू से अपना गला रेत डाला. आनन-फानन में उसे अस्पताल पहुंचाया गया. मगर तब तक काफी देर हो चुकी थी. डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. युवक का नाम सजल जोशी था. मरने से पहले उसने यूट्यूब पर 6.32 मिनट का वीडियो डाला. इसमें उसने बताया कि क्यों वो ये खौफनाक कदम उठाने जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक, जब सजल ने वीडियो यूट्यूब पर डाला तो कनाडा में रह रहे उसके भाई ने वो वीडियो देख लिया. उसने तुरंत पापा को फोन किया. पूरी बात बताई कि सजल गलत कदम उठाने जा रहा है. पिता तुरंत सजल के कमरे में पहुंचे. देखा बेटे के हाथ में चाकू था. उन्होंने चाकू छीनने की कोशिश की. मगर सजल ने चाकू से अपना गला रेत डाला. बेतहाशा खून उसके गले से बहने लगा.
पिता उसे तुरंत अस्पताल लेकर पहुंचे. डॉक्टरों ने कहा- Sorry, He is no more. यह सुनते ही सजल के पिता फूट-फूट कर रोने लगे. सजल ने यूट्यूब में जो वीडियो शेयर किया है उसमें कहा- मम्मी-पापा आई एम रियली सॉरी. आपको बुरा लगेगा, चोट पहुंचेगी लेकिन मैं अब हार गया. मैं यह वीडियो इसलिए बना रहा हूं कि बाद में लोग बेवजह अफवाह उड़ाते हैं. इसलिए बताना चाहता हूं कि मेरी मौत का जिम्मेदार कोई नहीं है. मैं बीमारी से लड़कर थक चुका हूं. सजल ने वीडियो में बताया कि वो हड्डियों की गंभीर बीमारी से ग्रसित है. उपचार कराने के बाद भी वह ठीक नहीं हो पा रहा है. इस कारण जिंदगी से परेशान हो चुका है.
एक्टिंग का शौकीन, खेलों में थी रूचि
सजल यूट्यूब पर कई सारे वीडियो बनाकर डालता था. उसने दो साल पहले तक यू-ट्यूब पर काफी वीडियो पोस्ट की थीं. ये वीडियो एजुकेशनल और इनफॉरमेटिव हैं. लेकिन बीमारी से ग्रसित होने के बाद सजल ने यू-ट्यूब से दूरी बना ली थी. मौत से पहले बनाई वीडियो में सजल ने कहा- मैं लगातार अस्पतालों के चक्कर काटकर परेशान हो गया हूं. दवाइयां और इंजेक्शन लगवाना व सफर करना मुश्किल हो रहा था. मैं एक्टिंग का शौकीन था, पर बीमारी ने उसका ये ख्वाब पूरा नहीं होने दिया. सजल ने ये भी कहा- मेरे मम्मी पापा ने मेरी हर ख्वाहिश पूरी की. मुझे टेबल टेनिस का शौक था. मेरा हर शौक मां-बाप ने पूरा किया.
दर्द नहीं झेल पा रहा हूं अब और ज्यादा
वीडियो में सजल ने कहा- मुझे MBA करनी थी तो मां-पापा ने उसमें भी सपोर्ट किया. हर चीज में उन्होंने मेरा साथ दिया. मुझे जो मेडिकल ट्रीटमेंट चाहिए होता था वो भी करवाया. उन्होंने कभी भी मुझसे मुंह नहीं मोड़ा. मगर बीमारी से जो दर्द मुझे मिल रहा है, उसे मैं बर्दाश्त नहीं कर पा रहा. भगवान कभी किसी को ऐसा दर्द न दे. मैं मानसिक रूप से इतना मजबूत नहीं हूं कि इस गंभीर बीमारी से लड़ सकूं. जो कुछ भी कर रहा हूं वो मेरा अपना फैसला है.
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