हरियाणा सरकार ने 2025-27 के लिए अपनी नई आबकारी नीति में महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। इस नीति के तहत, राष्ट्रीय और राज्य हाईवे पर शराब की दुकानों को खोलने की अनुमति नहीं होगी। इसके साथ ही, 500 से कम जनसंख्या वाले गांवों में भी शराब के ठेके बंद कर दिए जाएंगे। यह कदम शराब की उपलब्धता को नियंत्रित करने और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।
आबकारी नीति में बदलाव
नई नीति के अनुसार, राज्य में शराब की बिक्री की व्यवस्था को पूरी तरह से पुनर्गठित किया गया है। पहले जहां हाईवे पर कई शराब की दुकानें थीं, अब उन्हें हटाने का निर्णय लिया गया है। कम जनसंख्या वाले गांवों में शराब की दुकानों को खोलने की अनुमति नहीं होगी, जिससे ग्रामीण समाज की संरचना को सुरक्षित रखा जा सके।
शराब की दुकानों के संचालन में बदलाव
हरियाणा सरकार ने शराब की दुकानों के खुलने और बंद होने के समय में भी बदलाव किया है। अब ये दुकानें सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक खुली रहेंगी, जबकि पहले का समय सुबह 6 बजे तक था। यह संशोधन शराब की अनावश्यक खपत को नियंत्रित करने और पुलिस प्रशासन की निगरानी को आसान बनाने के लिए किया गया है।
शराब की कीमतों में संभावित वृद्धि
नई नीति लागू होने के बाद शराब की कीमतों में 10 से 20 प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है। सरकार का उद्देश्य इस कदम से राजस्व बढ़ाना और अनावश्यक खपत को कम करना है। विभिन्न श्रेणियों की शराब पर करों और शुल्कों में बदलाव किया गया है, जिससे ब्रांडेड और देशी शराब की कीमतें प्रभावित हो सकती हैं।
विज्ञापन और सार्वजनिक डिस्प्ले पर प्रतिबंध
सरकार ने शराब की दुकानों पर बड़े विज्ञापनों और होर्डिंग्स पर प्रतिबंध लगाया है। सभी दुकानों पर यह अनिवार्य होगा कि "शराब पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है" और "ड्रिंक एंड ड्राइव न करें"। जो दुकानें इन नियमों का पालन नहीं करेंगी, उन पर जुर्माना लगाया जाएगा, जो ₹1 लाख से शुरू होकर ₹3 लाख तक जा सकता है।
शराब की दुकानों की जोनिंग व्यवस्था
नई नीति के तहत राज्य को 1,200 जोन में बांटा जाएगा, और प्रत्येक जोन में दो-दो दुकानों का आवंटन किया जाएगा। इससे दुकानों की संख्या यथावत रहेगी, लेकिन उनका वितरण अधिक संतुलित और व्यवस्थित होगा। यह परिवर्तन शराब व्यापार में प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने और कालाबाजारी को रोकने के लिए किया गया है।
आहतों और बार पर सख्त नियम
नई नीति में ओपन बार और रेस्टोरेंट्स में शराब परोसने की व्यवस्था को भी नियंत्रित किया गया है। अब केवल बंद परिसरों में ही शराब परोसी जा सकेगी। गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे शहरी क्षेत्रों में लाइसेंस शुल्क 4 प्रतिशत होगा, जबकि अन्य जिलों में यह 1 प्रतिशत रहेगा। इसके अलावा, लाइव डांस, सिंगिंग और किसी भी प्रकार के मंचीय कार्यक्रमों पर पूर्णतः रोक लगाई गई है।
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