ऋषिकेश में एक युवक सड़क दुर्घटना का शिकार हो गया, जिसमें उसके सीने में पांच सूत का सरिया आर-पार हो गया। गंभीर रूप से घायल युवक को एम्स पहुंचने में 12 घंटे का समय लगा। एम्स के ट्रामा विभाग की सर्जरी टीम ने मध्य रात्रि में सर्जरी शुरू की और चार घंटे की मेहनत के बाद युवक के सीने से सरिया निकालने में सफल रहे। अब युवक खतरे से बाहर है और ट्रामा वार्ड में उपचाराधीन है।
कुछ दिन पहले अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे पर शिक्षिकाओं को ले जा रही एक कार और पिकअप की टक्कर हो गई। इस टक्कर के बाद पिकअप वाहन सड़क से कई फीट नीचे निर्माणाधीन पुलिया पर गिर गया, जहां सरिया युवक मोहित की छाती को चीरते हुए आर-पार हो गया। युवक का शरीर लगभग एक घंटे तक पुलिया पर फंसा रहा।
पुलिस ने सरिया को काटकर मोहित को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुयालबाड़ी पहुंचाया। वहां के चिकित्सकों ने उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल भेजा, जहां से उसे एम्स रेफर किया गया। एम्स में सर्जरी के दौरान मुख्य सर्जन डा. मधुर उनियाल ने बताया कि जब युवक को एंबुलेंस से लाया गया, तो सरिया उसकी पीठ से अंदर घुसकर सीने से बाहर निकली हुई थी।
हालांकि यह घटना सुबह 11 बजे हुई थी, लेकिन युवक को रात 12 बजे तक एम्स पहुंचाया गया। सर्जरी शुरू करने का निर्णय उच्च जोखिम के बावजूद लिया गया। लगभग चार घंटे की सर्जरी के बाद मोहित की दाहिनी छाती खोलकर सरिया बाहर निकाली गई।
सर्जरी टीम में डा. नीरज कुमार, डा. अग्निवा, निश्चेतक डा. अजय कुमार और डा. मानसा शामिल थे। एम्स की निदेशक प्रोफेसर डा. मीनू सिंह ने इस सफल सर्जरी के लिए चिकित्सकों को बधाई दी। एनेस्थीसिया विभाग के डा. अजय कुमार ने बताया कि मोहित को 12 घंटे तक तिरछा लिटाकर रखा गया था।
सर्जरी के लिए युवक को बेहोश करना चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि सरिया फंसी होने के कारण उसे सीधा नहीं लिटाया जा सकता था। ऐसे में रिस्क लेते हुए डबल ल्यूमन ट्यूब डालकर उसे बेहोश किया गया। डा. मधुर उनियाल ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति के शरीर में सरिया या नुकीले लोहे की रॉड घुस जाए, तो बिना चिकित्सकों की मदद के उसे बाहर खींचने की कोशिश न करें।
दुर्घटना के दो दिन पहले ही मोहित के पिता का निधन हुआ था। इस घटना की खबर सुनकर परिवार पूरी तरह टूट गया था, लेकिन एम्स के चिकित्सकों ने मोहित को नया जीवन देकर उनकी उम्मीदों को फिर से जगाया है। अब मोहित खतरे से बाहर है और उसके परिवार के लिए चिकित्सक भगवान से कम नहीं हैं।
You may also like
ये है बेहद अनोखा मंदिर, जहां भक्त चढ़ाते हैं भगवान पर बीड़ी, नहीं तो हो जाता है अमंगल ∘∘
UP Board Result 2025: How to Check Your Class 10, 12 Result by Roll Number
इन 4 आदतों वाली लड़कियों बनती हैं बेकार पत्नियां, कर देती हैं घर और परिवार को बर्बाद ∘∘
एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर 'ध्रुव' की उड़ान पर तीन माह से रोक, सैन्य अभियान प्रभावित
(अपडेट) अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस 21 अप्रैल रात पहुंचेंगे जयपुर, चार दिन रुकेंगे