टाइटैनिक जहाज के लापता यात्रियों के बारे में जानकारी आज तक नहीं मिल पाई है। यह रहस्य कई वर्षों से बना हुआ है। 14 अप्रैल 1912 को टाइटैनिक के डूबने के बाद, उस पर सवार अधिकांश लोगों की दुखद मौत हो गई थी, लेकिन कई शवों का अब तक पता नहीं चला है। इस विषय पर डेलीमेल ने एक विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसमें उस भयानक हादसे की कुछ तस्वीरें भी शामिल हैं। ये तस्वीरें उस घटना की भयावहता को दर्शाती हैं, जिसमें बिखरे हुए जूते और जहाज का मलबा दिखाई दे रहा है।
हादसे में लापता शवों की संख्या
टाइटैनिक जहाज पर कुल 2,224 लोग सवार थे, जिनमें से 1,517 यात्री हिमखंड से टकराने के कारण मारे गए। समुद्री पुरातत्वविद् जेम्स डेलगाडो का कहना है कि घटना स्थल के पास अब भी कुछ मानव अवशेष हो सकते हैं। डेलगाडो के अनुसार, जहाज ने 15 अप्रैल को हिमखंड से टकराने के तीन घंटे के भीतर डूबना शुरू कर दिया।
पिछले अभियान और उनकी विफलता
इससे पहले, 2000 और 2010 में टाइटैनिक के अवशेषों तक पहुंचने के लिए दो अभियान चलाए गए थे, लेकिन वे सफल नहीं हो सके। डेलगाडो ने कहा कि हादसे के बाद की तस्वीरें बेहद भावुक करने वाली हैं, लेकिन 111 साल बाद भी कोई मानव अवशेष नहीं मिला है।
जेम्स कैमरन का अनुभव
हॉलीवुड के फिल्म निर्माता जेम्स कैमरन ने 1997 में टाइटैनिक पर एक ब्लॉकबस्टर फिल्म बनाई थी। उन्होंने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि उन्होंने हादसे में मारे गए लोगों के कपड़े और जूते देखे थे, लेकिन कभी भी किसी इंसान का शव नहीं देखा।
टाइटैनिक का मलबा
टाइटैनिक का मलबा अटलांटिक महासागर के तल में लगभग 13,000 फीट की गहराई में स्थित है। इतनी गहराई में मानव शरीर के अवशेष मिलना लगभग असंभव है। आयरलैंड के एक फोरेंसिक वैज्ञानिक प्रोफेसर जॉन कैसेला का कहना है कि खारे पानी में हड्डियाँ जल्दी खराब हो जाती हैं, लेकिन कुछ मानव हड्डियाँ 100 साल बाद भी मलबे में फंसी रह सकती हैं।
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