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रिलायंस इंडस्ट्रीज को भारी नुकसान, शेयर बाजार में गिरावट का असर

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शेयर बाजार में गिरावट का प्रभाव Mukesh Ambani got a big blow, the company suffered a loss of thousands of crores, what is the reason for the 25% decline?

शेयर बाजार में हालिया गिरावट के चलते सेंसेक्स की शीर्ष 10 कंपनियों में से आधी को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। पिछले सप्ताह इन कंपनियों के कुल मार्केट कैप में 1,85,952.31 करोड़ रुपये की कमी आई। सबसे अधिक नुकसान एचडीएफसी बैंक को हुआ, जबकि सेंसेक्स 1,844.2 अंक या 2.32 प्रतिशत गिर गया। इसी दौरान, निफ्टी में भी 573.25 अंक या 2.38 प्रतिशत की कमी आई। रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और आईटीसी के बाजार मूल्यांकन में गिरावट आई है। दूसरी ओर, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), भारती एयरटेल, इन्फोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर और एचसीएल टेक्नोलॉजीज की बाजार हैसियत में वृद्धि हुई है।


एचडीएफसी बैंक और अन्य कंपनियों का मार्केट कैप

पिछले सप्ताह एचडीएफसी बैंक का बाजार पूंजीकरण 70,479.23 करोड़ रुपये घटकर 12,67,440.61 करोड़ रुपये रह गया। आईटीसी का बाजार मूल्यांकन 46,481 करोड़ रुपये घटकर 5,56,583.44 करोड़ रुपये पर आ गया। एसबीआई की बाजार हैसियत 44,935.46 करोड़ रुपये घटकर 6,63,233.14 करोड़ रुपये रह गई।


रिलायंस इंडस्ट्रीज को नुकसान

रिलायंस इंडस्ट्रीज को 12,179.13 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जिससे इसका मूल्यांकन 16,81,194.35 करोड़ रुपये पर आ गया। आईसीआईसीआई बैंक का मूल्यांकन भी 11,877.49 करोड़ रुपये घटकर 8,81,501.01 करोड़ रुपये हो गया।


2020 में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कर्जमुक्त होने की उपलब्धि हासिल की थी, लेकिन हाल के वर्षों में कंपनी का कर्ज फिर से बढ़ गया है। मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली इस कंपनी पर लगभग 82 अरब डॉलर का कर्ज बढ़ गया है।


शेयर में गिरावट के कारण

रिलायंस के शेयरों में लगातार गिरावट का मुख्य कारण गिरते तेल के दाम हैं, जो इसके रिफाइनिंग व्यवसाय को प्रभावित कर रहे हैं। इस गिरावट के चलते कंपनी की आय पर असर पड़ा है, जिससे Q2 FY25 में इसका एबिटडा मार्जिन 8% पर आ गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 11% था। इसके अलावा, प्रमुख टेलीकॉम व्यवसाय जियो को भी झटका लगा है, जिसमें टैरिफ बढ़ने के कारण 11 मिलियन ग्राहक कम हुए हैं।


कंपनी के रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में भी कई चुनौतियाँ सामने आई हैं। इसके सबसे बड़े सोलर गीगा फैक्ट्री प्रोजेक्ट में देरी हुई है, जिससे भविष्य की योजनाओं पर असर पड़ सकता है। इन सभी कारणों ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की वित्तीय स्थिति और शेयर बाजार के प्रदर्शन पर नकारात्मक प्रभाव डाला है।


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