भारतीय रुपया लगातार दबाव के बाद से अब मजबूत हुआ है। उसके पीछे का कारण है कच्चे तेल की कीमतों का विदेश में कम होना। इसके बाद रुपया 21 पैसे मजबूत होकर 88.56 प्रति डॉलर पर पहुंच गया। भले ही रुपए में मजबूती दर्ज हुई हो लेकिन अभी भी कैपिटल मार्केट में विदेशी पूंजी की निकासी के साथ ही डॉलर में मजबूती भी भारतीय मुद्रा के लिए चिंता का कारण बनी हुई हैं। कल रुपया 7 पैसा गिरकर बंद हुआ था।
इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में शुरुआती कारोबार में ही डॉलर के मुकाबले रुपया 88.56 पर आ गया। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले सोमवार को रुपया 88.77 पर बंद हुआ था। 14 अक्टूबर को रुपया का डॉलर के मुकाबले अब तक का सबसे निचला स्तर 88.81 है। यह डॉलर सूचकांक में 0.04% की वृद्धि हुई है जिसके बाद यह 99.75 पर पहुंच गया।
ब्रेंट क्रूड में गिरावट क्रूड ऑयल में गिरावट आ रही है जो भारत के लिए राहत भरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत लगभग अपनी कुल जरूर का लगभग 85% आयात पर निर्भर है। ऐसे में यदि क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट होगा तो इससे भारत का फायदा होगा। अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड में 0.32% की गिरावट दर्ज हुई। जिसके बाद यह 64.68 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
रुपये में सुधार के संकेत एचडीएफसी सिक्योरिटीज के अनुसार, वैसे तो सोमवार को विदेशी करंसी की निकासी का दबाव और अन्य क्षेत्रीय ई में आई कमजोरी के कारण रुपया भी दबाव में था। लेकिन आरबीआई ने इस स्थिति को संभालने के लिए हस्तक्षेप किया। अब क्रूड ऑयल की कीमतों में आई इस गिरावट के बाद भी रुपये में सुधार के संकेत मिल रहे हैं।
ये है दुनिया की टॉप 10 स्ट्रॉन्ग करंसी दुनिया की सबसे पुरानी करंसी ब्रिटिश पाउंड को माना जाता है।
पाउंड को पहचाना जाता है. इसकी शुरुआत 775 ईस्वी में इसकी शुरुआत हुई थी। जानते हैं दुनिया कि टॉप 10 ताकतवर करंसी कौन सी हैं -
कुवैती का दिनार बहरीन दिनार ओमानी रियाल जॉर्डनियन दीनार ब्रिटिश पाउंड स्टर्लिंग जिब्राल्टर पाउंड स्विस फ़्रैंक केमैन आइलैंड्स डॉलर यूरो अमेरिकी डॉलर टॉप 10 स्ट्रॉन्ग करंसी की लिस्ट में भारत की करंसी रुपया नहीं है। इस लिस्ट में रुपया 20वें नंबर पर है।
इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में शुरुआती कारोबार में ही डॉलर के मुकाबले रुपया 88.56 पर आ गया। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले सोमवार को रुपया 88.77 पर बंद हुआ था। 14 अक्टूबर को रुपया का डॉलर के मुकाबले अब तक का सबसे निचला स्तर 88.81 है। यह डॉलर सूचकांक में 0.04% की वृद्धि हुई है जिसके बाद यह 99.75 पर पहुंच गया।
ब्रेंट क्रूड में गिरावट क्रूड ऑयल में गिरावट आ रही है जो भारत के लिए राहत भरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत लगभग अपनी कुल जरूर का लगभग 85% आयात पर निर्भर है। ऐसे में यदि क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट होगा तो इससे भारत का फायदा होगा। अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड में 0.32% की गिरावट दर्ज हुई। जिसके बाद यह 64.68 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
रुपये में सुधार के संकेत एचडीएफसी सिक्योरिटीज के अनुसार, वैसे तो सोमवार को विदेशी करंसी की निकासी का दबाव और अन्य क्षेत्रीय ई में आई कमजोरी के कारण रुपया भी दबाव में था। लेकिन आरबीआई ने इस स्थिति को संभालने के लिए हस्तक्षेप किया। अब क्रूड ऑयल की कीमतों में आई इस गिरावट के बाद भी रुपये में सुधार के संकेत मिल रहे हैं।
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