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BSE के स्टॉक ने लगाई छलांग, एक्सपायरी में बदलाव का डर निकला बेकार; IIFL ने दिया ₹2,300 का टारगेट

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बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी BSE के शेयर में आज (6 अक्टूबर) के अच्छी तेजी देखने को मिली। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर ये शेयर 5.88% की तेजी के साथ 2,216.50 रुपए के स्तर पर बंद हुआ। यह उछाल घरेलू ब्रोकरेज फर्म IIFL कैपिटल की एक रिपोर्ट के बाद आया, जिसमें बताया गया कि एक्सचेंज पर एक्सपायरी डे स्वैप का प्रभाव प्रारंभिक अनुमान से कम रहा है।



इस तेजी के पीछे मजबूत डेरिवेटिव ट्रेडिंग और BSE की मजबूत मार्केट हिस्सेदारी भी बड़ी वजह हैं। IIFL कैपिटल ने इस स्टॉक को 'ऐड' रेटिंग दी है और इसका टारगेट प्राइस 2,300 रुपए रखा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अब BSE के डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स शुक्रवार की बजाय गुरुवार को खत्म होते हैं, लेकिन इसका बाजार पर असर उम्मीद से कहीं कम रहा है।



एक्सपायरी डे में बदलाव से कोई खास असर से कम उम्मीद

IIFL कैपिटल की रिपोर्ट के मुताबिक, BSE ने डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स की एक्सपायरी शुक्रवार की बजाय गुरुवार कर दी है (यह बदलाव सितंबर 2025 से लागू हुआ)। पहले यह माना जा रहा था कि इससे बीएसई के ट्रेडिंग वॉल्यूम और मार्केट शेयर पर बड़ा असर पड़ेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जहां पहले 10%–12% वॉल्यूम घटने की आशंका थी। वहीं BSE का प्रीमियम एवरेज डेली टर्नओवर (ADTO) सितंबर 2025 में सिर्फ 5% गिरकर 164 बिलियन रुपए रहा। यानी गिरावट बहुत कम रही। इसी अवधि में BSE का मार्केट शेयर भी सिर्फ 90 बेसिस पॉइंट्स गिरकर 26.1% पर आया। ये आंकड़े दिखाते हैं कि बदलाव का असर अनुमान से काफी हल्का रहा।



GST वाले हफ्ते को हटाकर देखें तो भी स्थिति बेहतर

अगर पहले हफ्ते के GST से जुड़े ट्रेडिंग उछाल को हटा दें, तब भी BSE का एवरेज डेली टर्नओवर सिर्फ 13% घटकर 149 बिलियन रुपए रहा। वहीं, एक्सपायरी से दो दिन पहले (E-2 डेज) पूरे बाजार में वॉल्यूम में 44% की गिरावट आई, जबकि BSE की गिरावट काफी कम रही। मार्केट में औसतन 8% की गिरावट देखने को मिली, जिससे BSE का मार्केट शेयर सिर्फ 150 बेसिस पॉइंट्स घटकर 25.2% पर पहुंचा - जो कि शुरू में जताई गई चिंता से कहीं बेहतर नतीजा है।



डेरिवेटिव्स में BSE की मजबूत हो रही पकड़

IIFL ने यह भी बताया कि वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में BSE का ऑप्शंस प्रीमियम एवरेज डेली टर्नओवर (ADTO) पिछले तिमाही के मुकाबले लगभग स्थिर (150 बिलियन रुपए) रहा, लेकिन सालाना आधार पर इसमें 83% की शानदार बढ़त हुई। इसी तिमाही में BSE का मार्केट शेयर भी तिमाही स्तर पर 300 बेसिस पॉइंट्स और सालाना स्तर पर 1300 बेसिस पॉइंट्स बढ़कर 24.4% हो गया। इससे साफ है कि BSE डेरिवेटिव्स मार्केट में लगातार मजबूत हो रहा है।



कम संभावित गिरावट, कमाई में सुधार की संभावना

अगर ऐसा कोई रेगुलेटरी बदलाव नहीं होता, तो IIFL को लगता है कि BSE की कमाई के अनुमान और भी बेहतर किए जा सकते हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि अगर प्रीमियम एवरेज डेली टर्नओवर में 10% का बदलाव होता है, तो EPS (कमाई प्रति शेयर) में लगभग 6.5% का असर पड़ सकता है।



एक जैसे एक्सपायरी डेज का असर

अगर दोनों प्रमुख एक्सचेंज (BSE और NSE) एक ही दिन एक्सपायरी की व्यवस्था अपनाते हैं, तो IIFL का मानना है कि इससे BSE की कमाई पर निगेटिव असर हो सकता है। लेकिन अगर एक्सचेंजों के बीच ऑप्शनल एक्सपायरी डेज (ऑल्टरनेट एक्सपायरी डेज) की व्यवस्था बनी रहती है, तो BSE को इसका फायदा मिल सकता है और उसकी मार्केट हिस्सेदारी और बढ़ सकती है। इससे स्टॉक का री-रेटिंग भी बेहतर हो सकता है।



डिस्क्लेमर : जो सुझाव या राय एक्सपर्ट/ ब्रोकरेज देते हैं, वो उनकी अपनी सोच है। ये इकोनॉमिक टाइम्स हिंदी की राय नहीं होती।

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